जेल में थम नहीं रही अराजकता

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जेल में थम नहीं रही अराजकता
जेल में थम नहीं रही अराजकता

बिजनौर जेल में थमने का नाम नहीं ले रही अराजकता। जेल में महीनों नहीं बदली जाती सुरक्षाकर्मियों की ड्यूटी। दबाव बनाने के लिए कार्यालय में लगी सीएम के साथ फोटो।

राकेश यादव

लखनऊ। यह फोटो जो आप देख रहे है। यह निजी फोटो घर के ड्राइंग रूम में लगाने के बजाए बिजनौर जेल अधीक्षक के कार्यालय में लगी हुई है। जिला प्रशासन, जेल अधिकारियों और कर्मियो में रुतबा जमाने के लगाई गई यह फोटो जेल कर्मियो में चर्चा का विषय बनी हुई है। इसको लेकर तमाम तरह की अटकलें लगाई जा रही है। चर्चा है कि अधीक्षक कार्यालय में लगी यह फोटो आदर्श आचार संहिता का खुला उल्लंघन है वहीं जेल प्रशासन का दावा है कि कार्यालय में इस तरह की कोई फोटो लगी ही नहीं है। फोटो सच को खुद ही इसकी तस्दीक करती नजर आ रही है।

प्रदेश की बिजनौर जेल इन दिनों सुर्खियों में है। बीते दिनों बिजनौर जेल अधीक्षक ने आचार संहिता के दौरान जेल में तैनात डॉक्टर का तबादला कराकर जमकर सुर्खियां बटोरीं। आचार संहिता के दौरान जिला प्रशासन के निर्देश पर मुख्य चिकित्साधिकारी ने आनन फानन में जेल चिकित्सक का तबादला कर दिया। यही नहीं अधीक्षक के मनमाफिक काम नहीं करने वाले डॉक्टर को तबादले के दो दिन बाद ही सरकारी आवास खाली करने का फरमान जारी कर दिया गया। डॉक्टर के अवकाश पर होने की वजह से आवास खाली करने का नोटिस आवास पर चस्पा करा दिया गया।

सूत्रों का कहना है बिजनौर जेल में अधिकारियो की तानाशाही का यह आलम है कि इस जेल में महीनों वार्डरो की ड्यूटी बदली ही नहीं जाती है। कैंटीन, मुलाकात, गल्ला गोदाम, मशक्कत जैसी कमाई वाली जगहों पर अपने चहेते लोगों को ही तैनात किया जाता है। इसकी पुष्टि ड्यूटी रजिस्टर से की जा सकती है। ऐसा तब किया जा रहा है जब नियमों में वार्डरो की रोटेशन में ड्यूटी बदले जाने का प्रावधान है। इस जेल में कई वार्डर लंबे समय से एक ही स्थान पर तैनात है। हकीकत यह है कि इस जेल में अराजकता थमने का नाम नहीं ले रही है। इससे जेल के सुरक्षाकर्मियों में खासी नाराजगी व्याप्त है।

जेलर ने फोटो लगी होने से किया साफ इनकार

बिजनौर जेल अधीक्षक कार्यालय में सीएम के साथ लगी फोटो के संबंध में जब जेलर रविन्द्र सरोज से बातचीत की गई तो उन्होंने पहले तो इस बात को सिरे से ही नकार दिया। जब उन्हें यह फोटो भेजी गई तो उन्होंने कहा कि पहले कभी लगी रही होगी। इस समय कार्यालय में कोई फोटो नहीं लगी हुई है। यह पुरानी फोटो होगी। जेल वार्डरों की ड्यूटी पर उन्होंने चुप्पी साध ली। डॉक्टर के तबादले के सवाल पर उन्होंने कहा कि वह लंबे समय से तैनात थे इसलिए उनका ट्रांसफर किया गया है। डीजी जेल पीवी रामाशास्त्री के पीआरओ अंकित ने कहा कि वह इस बारे में कुछ नहीं बता पाएंगे। बिजनौर जेल पर बात कर लें।