
जब भाजपा अपने “डिजिटल इंडिया” अभियान को नई ऊँचाइयों पर ले जाने का दावा कर रही है, तब समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने “विज़न इंडिया” के रूप में एक वैकल्पिक डिजिटल रोडमैप पेश कर राजनीतिक बहस को नया आयाम दे दिया है। यह विज़न सिर्फ टेक्नोलॉजी आधारित विकास का खाका नहीं, बल्कि डिजिटल असमानता को मिटाने और तकनीक को जनसरोकार से जोड़ने का सामाजिक अभियान भी है। अखिलेश का कहना है—“डिजिटल इंडिया केवल अमीरों का नेटवर्क नहीं होना चाहिए, बल्कि गाँव, गरीब और नौजवान की ताकत से जुड़ा भारत होना चाहिए।” यही दृष्टिकोण भाजपा के मौजूदा डिजिटल मॉडल को सीधा चुनौती देता है। अखिलेश का विज़न इंडिया भाजपा के डिजिटल इंडिया को देगा चैलेन्ज
आज ‘विजन इंडिया‘ का प्रारूप रखते हुए अखिलेश यादव ने कहा कि देश में विभाजनकारी और पुरातनपंथी ताकतों से निबटने के लिए नई सोच और प्रगतिशील इरादों के साथ युवा भारत को आगे लाना है। उन्हांने कहा कि नई पीढ़ी के सोच में सहिष्णुता प्रेम और सम्मान है। वह दयाुल और प्रगतिपंथी है। विजन इंडिया, स्टार्टअप समिट की पहली बैठक 16 नवम्बर 2025 को ताज बंगलोर, बेगलुरू, कर्नाटक में होगी। इसके मुख्य समन्वयक राजीव राय सांसद होंगे और मुख्य संयोजक पूर्व मंत्री अभिषेक मिश्र होंगे।
भारत एक ऐसा देश बन गया है जहां लोगों को हर कदम पर मुश्किलों और संघर्षों का सामना करना पड़ रहा है। इन समस्याओं का समाधान करने के लिए, हमने एक रास्ता सोचा है ’विज़न इंडिया’ जो हमें एक सकारात्मक, यथार्थवादी, प्रगतिशील भविष्य की ओर ले जाएगा। “विज़न इंडियाः प्लान, डेवलप और एसेंट’ एक ऐसी मुहिम है जो इनोवेशन, कोलैबोरेशन और प्रोग्रेस का प्रतीक है। विज़न इंडिया के तहत देशभर में आयोजित होने वाले सम्मेलनों और सेमिनारों के माध्यम से, हमारा लक्ष्य भारत के उज्ज्वल भविष्य की कल्पना को प्लान करना, महत्वपूर्ण क्षेत्रों में अवसरों और संभावनाओं की पहचान करना।

अखिलेश यादव ने कहा कि डेवलपः संवाद, साझेदारी और समाधान-आधारित तरीकों को बढ़ावा देना, जिससे हम डेवलप होकर जल्द ही विकसित देशों की श्रेणी में शामिल हो सकें। एसेंटः इनोवेशन और टेक्नोलॉजी का लाभ उठाते हुए एसेंट करना और अपने देश को वैश्विक नेतृत्व की ओर ले जाना। हम सभी को अपने ’विज़न इंडियाः प्लान, डेवलप और एसेंट’ मिशन का हिस्सा बनने के लिए आमंत्रित करते जिसमें देश के अलग-अलग शहरों में भारत की विविध क्षेत्रों की प्रतिभाएं एक साथ आएंगी। इसकी शुरुआत बंगलूरू से हो रही है। हमारा उद्देश्य है सामाजिक-मानसिक सशक्तीकरण, संतुलित संवृद्धि और वास्तविक समावेशी विकास को बढ़ावा देना। हम ‘सामाजिक न्याय के राज’ को स्थापित करने के लिए वचनबद्ध हैं, जिसमें समाजवादी, पंथनिरपेक्ष और लोकतांत्रिक सिद्धांतों को बरकरार रखा जाएगा। न्याय, स्वतंत्रता, समानता, भाईचारे और गरिमा जैसे मूल्यों को सुरक्षित करना चाहते हैं, जिससे सभी को समान अवसर मिलें और वे आगे बढ़ सकें।
लखनऊ में पत्रकारों से अखिलेश यादव ने कहा कि स्टार्टअप योजना का प्रारम्भ उत्तर प्रदेश से समाजवादी सरकार के कार्यकाल में हुआ था। छात्र-छात्राओं में 20 लाख लैपटॉप बांटे गए इससे वे नई तकनीकि से जुड़े। लखनऊ में एचसीएल जैसी कम्पनी आई। हजारों युवक वहां नौकरी कर रहे है। बड़े डेयरी प्लांट लगे, पराग के साथ अमूल का प्लांट लगा है। कन्नौज में काऊ मिल्क प्लांट लगाया। स्पोर्ट्स में अंतरराष्ट्रीय स्तर के स्टेडियम बनाए। फुटबॉल की कोचिंग के लिए क्रोशिया से ट्रेनर बुलाया गया। गरीब महिलाओं को पेंशन, बुन्देलखंड में राहत पैकेट बांटे, मेरिट के आधार पर खाली पदों पर भर्ती हुई। पुलिस की तकनीकी जानकारी बढ़ाने पर बल दिया गया। न्यूयार्क, सिंगापुर और ह्यूस्टन के दौरों के बाद यूपी डायल 100 बनी, श्रमिकों को 20 रूपये में पौष्टिक भोजन दिया गया। प्रदेश में 3 हजार बैंक शाखाएं खोली गई। कई सोलर प्लांट स्थापित किए गए। उन्होंने कहा कि भाजपा की डबल इंजन सरकार भावनाओं के साथ खिलवाड़ करकेकाम चला रही है। विकास नहीं चाहती है। इस अवसर पर शिवपाल सिंह यादव राष्ट्रीय महासचिव, माता प्रसाद पाण्डेय नेता विरोधी दल विधानसभा, लाल बिहारी यादव नेता विपक्ष विधान परिषद, राजीव राय सांसद, पूर्व कैबिनेट मंत्री बलराम यादव, पूर्व कैबिनेट मंत्री अभिषेक मिश्रा, पूर्व कैबिनेट मंत्री राजेन्द्र चौधरी, प्रदेश अध्यक्ष श्याम लाल पाल आदि की उपस्थिति उल्लेखनीय रही। अखिलेश का विज़न इंडिया भाजपा के डिजिटल इंडिया को देगा चैलेन्ज
























