
राजेन्द्र चौधरी
जनपद मऊ के विधानसभा क्षेत्र 354 घोसी के उपचुनाव में हार देखकर हताश भाजपा सरकार प्रशासन एवं पुलिस का दुरुपयोग कर रही है। भाजपा सरकार के इशारे पर पुलिस प्रशासन पूरी तरह से अराजकता पर उतर आया है। वह भाजपा की एक विंग बनकर काम कर रहा है। अखिलेश यादव ने पहले ही आशंका जाहिर की थी कि भाजपा समाजवादी पार्टी के खिलाफ हर हथकंडे अपनाएगी। आशंका सच साबित हुई। कुछ पुलिस कर्मियों ने भाजपा के कार्यकर्ता के रूप में काम किया। मतदाताओं को मतदान से रोका। मतदाताओं के अधिकारों को छीना। घोसी उपचुनाव में हार देख हताश भाजपा-अखिलेश
समाजवादी पार्टी के नेताओं एवं कार्यकर्ताओं पर दबाव बनाने के लिए नए-नए हथकंडे अपनाए गए। अल्पसंख्यकों और पिछड़ों का वोट पड़ने से रोकने के लिए भाजपा के पदाधिकारी और पुलिस मिलकर काम करते नज़र आए। तमाम मतदाताओं को मताधिकार से वंचित किया गया। कई जगह शिकायते मिली कि सी.ओ. खुद चुनाव प्रचारक की भूमिका निभाते मिले है।
बूथ संख्या 159 मानिकपुर असना से समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ता अशफाक उर्फ कल्लू को कोतवाली घोसी उठा ले गए। बूथ संख्या 28 में समाजवादी पार्टी के समर्थक पप्पू सिंह को पुलिस उठा ले गई। बूथ संख्या 60 दौलतपुर में वर्तमान प्रधान रवि से गाली गलौज किया गया। बूथ संख्या- 173, 176, 177 जू0हाईस्कूल पिढ़वल से पूर्व प्रधान रतन लाल गोंड, विनय यादव, नितिन श्रीवास्तव और विक्रांत यादव को बिना कारण पुलिस उठा ले गई। बूथ संख्या 396, 367 जू0हाईस्कूल इन्दारा पर लगे समाजवादी पार्टी के बस्ते को पुलिस उठा ले गई। बूथ संख्या 329 काछीकला कोपागंज में पार्टी के बूथ अध्यक्ष अवधेश चौहान को पुलिस उठा ले गई।
बूथ संख्या 74, 75, 76 फतेहपुर ताल में बूथ संख्या 306, 307, 308, 309 कुर्थीजाफर पर सी.ओ. खुद खड़े होकर स्वतंत्र मतदान में बाधा डाल रहे है। यह शिकायत मिली है। घोसी में मतदाताओं को बूथ संख्या 145, 146, 147 पर सी.ओ. मुस्लिम मतदाताओं को धमका कर भगाते मिले। बूथ संख्या 198, 199 पर भी मतदाताओं को वोट डालने से रोका गया। कई बूथों पर ईवीएम में खराबी से मतदान बाधित रहा। मदरसा अमजदी में मौलानाओं और हास्टल में रहने वाले बच्चों को लाठी मारकर पुलिस ने भगाने का काम किया। मुस्लिम बहुल क्षेत्रों में वोट डालने जा रहे मतदाताओं को पीटकर पुलिस ने भगा दिया।
समाजवादी पार्टी ने मुख्य निर्वाचन अधिकारी उ0प्र0 तथा मुख्य चुनाव आयुक्त, भारत निर्वाचन आयोग को कई ज्ञापन सौंपकर पहले ही आशंका जताई गई थी कि घोसी उपचुनाव में भाजपा सरकार सत्ता का दुरुपयोग कर स्वतंत्र एवं निष्पक्ष चुनाव की पवित्रता को नष्ट करेगी। भाजपा के इशारे पर समाजवादी पार्टी के समर्थक नेताओं और कार्यकर्ताओं सहित मतदाताओं को डराने धमकाने के साथ उनके घरों की बिजली काटने आदि की शिकायतें की गई थी।
खासतौर पर अल्पसंख्यकों को मतदान से वंचित करने की आशंका मुख्य निर्वाचन आयुक्त, भारत निर्वाचन आयोग तथा मुख्य निर्वाचन अधिकारी उ0प्र0 को ज्ञापन प्रेषित कर बताई गई थी। उत्तर प्रदेश सरकार और पुलिस प्रशासन द्वारा मऊ जनपद के घोसी विधानसभा उपचुनाव में ड्यूटी में लगाये गये पुलिस कर्मियों और अधिकारियों के नाम दिये गये थे जो भाजपाई बन रहे थे। इसके बावजूद समाजवादी पार्टी की शिकायतों पर कोई प्रभावी कार्यवाही नहीं की गई। घोसी उपचुनाव में शुरू से ही जनता का रुझान स्थानीय समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी सुधाकर सिंह के प्रति रहा है। समाज के सभी वर्ग उन्हें समर्थन और सहयोग करते रहे हैं। भाजपा उनकी लोकप्रियता से घबराई हुई है और इसीलिए वह हर हथकंडा अपनाकर उपचुनाव में हार बचाने में लगी है। अखिलेश यादव का लोकतंत्र बचाने का संघर्ष जारी रहेगा। घोसी उपचुनाव में हार देख हताश भाजपा-अखिलेश