एक कविता समर्पण के नाम

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एक कविता समर्पण के नाम
एक कविता समर्पण के नाम

नन्द किशोर यादव

एक कविता यादव के लिए समर्पित

सभी यदुवंशियों से निवेदन है कि आप यादव होकर यादव का साथ दें या ना दें किंतु आपस में कदापि ना लड़ें, यह सत्य है कि हमारी आपकी विचारधारा अलग हो सकती है परंतु हम दुश्मन नहीं हैं, क्योंकि हमारा रक्त तो एक ही है।

यादव होकर यादव का,
आप सभी सम्मान करो!
सभी यादव एक हमारे,
मत उसका नुकसान करो!
चाहे यादव कोई भी हो,
मत उसका अपमान करो!
जो ग़रीब हो, अपना यादव
धन देकर धनवान करो!
हो गरीब यादव की बेटी,
मिलकर कन्या दान करो!


अगर लड़े चुनाव यादव ,
शत प्रतिशत मतदान करो!
हो बीमार कोई भी यादव ,
उसे रक्त का दान करो!
बिन घर के कोई मिले यादव ,
उसका खड़ा मकान करो!
अगर यादव दिखे भूखा,
भोजन का इंतजाम करो!
अगर यादव की हो फाईल,
शीघ्र काम श्रीमान करो!
यादव की लटकी हो राशि,
शीघ्र आप भुगतान करो!
यादव को अगर कोई सताये,
उसकी आप पहचान करो!
अगर जरूरत हो यादव को,
घर जाकर श्रमदान करो!
अगर मुसीबत में हो यादव ,
फौरन मदद का काम करो!
अगर यादव दिखे वस्त्र बिन,
उसे अंग वस्त्र का दान करो!

एक कविता समर्पण के नाम


अगर यादव दिखे उदास,
खुश करने का काम करो!
अगर यादव घर पर आये,
जय यादव राज बोल सम्मान करो!
अपने से हो बड़ा यादव,
उसको आप प्रणाम करो!
हो गरीब यादव का बेटा,
उसकी मदद तमाम करो!
बेटा हो गरीब यादव का पढ़ता,
कापी पुस्तक दान करो!
जय यादव समाज की।

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