नया दौर और नई चुनौतियां विषय पर श्रमजीवी पत्रकार यूनियन सुल्तानपुर का मीडिया कार्यशाला। भारत में गिरता पत्रकारिता का सम्मान
सुल्तानपुर। प्रायोजित निंदा और प्रायोजित प्रशंसा इलेक्ट्रॉनिक और प्रिंट समाचार पत्रों की विश्वसनीयता को प्रभावित कर रही है। इसी वजह से लोकतंत्र के चौथे स्तंभ पत्रकारिता का सम्मान भारत में गिरता जा रहा है। श्रमजीवी पत्रकार यूनियन सुल्तानपुर की तरफ से नया दौर एवं नई चुनौतियां विषय पर आयोजित मीडिया कार्यशाला पर व्याख्यान देते हुए यह बातें मुख्य अतिथि/ प्रख्यात पत्रकार प्रभात रंजन दीन ने कही। शहर के आदर्श मैरिज प्वाइंट पर शुक्रवार को मां सरस्वती की प्रतिमा पर माल्यार्पण और दीप प्रज्वलन के बाद मीडिया कार्यशाला का शुभारंभ हुआ। बैठक को संबोधित करते हुए प्रभात रंजन दीन ने जनप्रतिनिधियों की सक्रियता को पत्रकारिता के उद्धार एवं उत्थान के लिए आवश्यक बताया।कहाकि जो भी संवाददाता जाए वह अपने सांसद और विधायकों से यह जरूर पूछे कि वह पत्रकारिता के उद्धार के लिए क्या प्रयास कर रहे हैं। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कार्यक्रम अध्यक्ष राज खन्ना ने कहा कि पत्रकारिता की दशा और दिशा पर बुद्धिजीवी पत्रकारों को सोचने की जरूरत है। जिससे भविष्य की पत्रकारिता के लिए उज्जवल भविष्य की ओर हम कदम बढ़ा सकें और आने वाले युवाओं को बेहतर स्थिति प्रदान कर सकें।
मुख्य उप संपादक एवं विशिष्ट अतिथि चंद्रभान यादव ने मीडिया की जिम्मेदारियां से लोगों को परिचित कराया। यूएनआई छत्तीसगढ़ के स्टेट ब्यूरो अशोक साहू ने कहा कि नवीनता, तथ्यों का संकलन और प्रासंगिकता समाचार का अनिवार्य घटक है। इसे हमेशा समाचार बनाते समय ध्यान रखने की जरूरत है। जिलाध्यक्ष दर्शन साहू ने आए हुए लोगों का आभार जताते हुए इस कार्यशाला से सीख लेने का संवाददाताओं से आवाहन किया। महामंत्री संतोष यादव ने आए सभी अतिथियों एवं संवाददाताओं का धन्यवाद ज्ञापित किया। कार्यक्रम का संचालन शिवकरन द्विवेदी ने किया। इस मौके पर पत्रकारिता के क्षेत्र में उत्कृष्ट पत्रकारिता करने वाले जीतेंद्र श्रीवास्तव एड्वोकेट, योगेश यादव, असगर नकी और आशुतोष मिश्र एड्वोकेट को प्रभात रंजन दीन ने प्रशंसा चिन्ह देकर सम्मानित किया गया।
इस मौके पर मुख्य उप संपादक दिनेश दुबे, दिनकर श्रीवास्तव, अनुराग द्विवेदी, जीतेंद्र श्रीवास्तव, केके तिवारी, सतीश तिवारी, रमाकांत बरनवाल, निसार अहमद, जावेद अहमद विवेक बरनवाल, डॉ आकृति अग्रहरि, राकेश तिवारी, पंकज पांडेय, पवन पांडेय, सरफराज, अजहर हुसैन, अब्दुल सत्तार, साकिब, इंद्रजीत यादव, दयाशंकर गुप्ता, अनिल गुप्ता, सुभाष पाठक, अमित पांडे, अनिरुद्ध चौरसिया, राजबहादुर यादव, राजेंद्र यादव, रोहित पाठक, भूपेश पांडे, अश्विनी सिंह, शिवशंकर पांडेय, हरिकेश यादव ,विनोद यादव ,राहुल यादव, प्रदीप यादव, राजकुमार यादव, गंगा प्रसाद यादव,राकेश यादव मेहंदी हसन,लोग मौजूद रहे। भारत में गिरता पत्रकारिता का सम्मान