न्याय पंचायत स्तर पर ’शिक्षक संकुल’ का गठन

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जनपदों में न्याय पंचायत स्तर पर ’शिक्षक संकुल’ का गठन किया गया।’शिक्षक संकुल’ के सदस्यों द्वारा अपने विद्यालयों को आदर्श विद्यालय के रूप में विकसित करना।शिक्षक संकुल सदस्यों द्वारा निपुण लक्ष्य का अभिभावकों एवं समुदाय में व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाये।

श्रीश सिंह

लखनऊ। उत्तर प्रदेश बेसिक शिक्षा विभाग द्वारा जनपदों में न्याय पंचायत स्तर पर ’शिक्षक संकुल’ का गठन किया गया है। ’शिक्षक संकुल’ के विभिन्न उददेश्यों में एक प्रमुख उद्देश्य ’शिक्षक संकुल’ के सदस्यों द्वारा अपने विद्यालयों को आदर्श विद्यालय के रूप में विकसित करना है। शिक्षक संकुल के सदस्यों द्वारा अपने विद्यालयों को आदर्श विद्यालय के रूप में विकसित करते हुये जनमानस के समक्ष एक उदाहरण के रूप में प्रस्तुत करने की आवश्यकता है, जिससे कि समयबद्ध रूप से निपुण लक्ष्य की प्राप्ति सुनिश्चित की जा सके। समस्त शिक्षक संकुल द्वारा जुलाई, 2023 तक निपुण विद्यालय के लक्ष्य का प्राप्ति हेतु सुनियोजित तरीके से कार्य किया जायेगा। शिक्षक संकुल अपने बेहतर प्रदर्शन के आधार पर ’निपुण विद्यालय’ का लक्ष्य प्राप्त करने में अवश्य ही सफल होंगे। मानकों के अनुसार माह जुलाई 2023 में कराये जाने वाले आकलन के आधार पर ही शिक्षक संकल का नवीनीकरण किया जायेगा।

इस संबंध मेें राज्य परियोजना निदेशक कार्यालय निशातगंज लखनऊ द्वारा सभी जिला बेसिक शिक्षा अधिकारियों के लिए आवश्यक निर्देश जारी कर दिये गये हैं। जारी निर्देश के अनुसार शिक्षक संकुल सदस्यों द्वारा निपुण लक्ष्य का अभिभावकों एवं समुदाय में व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाये तथा जुलाई, 2023 तक निपुण लक्ष्यों की प्राप्ति हेतु सुनियोजित कार्ययोजना बनायी जाये। राज्य द्वारा निर्गत दिशानिर्देश के अनुसार विद्यालय की समय सारिणी बनायी जाये तथा अनिवार्यतः कक्षा 1 से 3 हेतु भाषा एवं गणित के लिये 3-3 कालांश का शिक्षण कार्य सुनिश्चित किया जाये।

कक्षा 1 से 3 के उपयोगार्थ भाषा एवं गणित की आधारशिला क्रियान्वयन संदर्शिका में उल्लिखित साप्ताहिक/दैनिक शिक्षण योजना एवं विभिन्न गतिविधियों का कक्षा-शिक्षण में प्रयोग सुनिश्चित किया जाये। संदर्शिका में उल्लिखित दैनिक/साप्ताहिक पाठ-योजना अवश्य पूर्ण की जाये। इसके साथ ही प्रतिदिन बच्चों के साथ एक गतिविधि भी अवश्य करायी जाये। समस्त कक्षाओं में प्रिंटरिच सामग्री के प्रयोग से म्दहंहपदह स्मंतदपदह म्दअपतवदउमदज का सृजन किया जाये। इसी प्रकार गणित किट, विज्ञान किट, टी०एल०एम० का प्रयोग शिक्षण अधिगम प्रक्रिया में किया जाये तथा यह भी सुनिश्चित किया जाये कि बच्चों को उनका प्रयोग करने का पर्याप्त अवसर मिल रहा है।


शिक्षण अधिगम प्रक्रिया के दौरान शिक्षकों द्वारा बच्चों की समझ व प्रगति का आकलन किया जाय तथा प्राप्त परिणामों के आधार पर निपुण तालिका अद्यतन की जाये। निपुण लक्ष्य को एक वर्ष में प्राप्त करने के लिये विद्यालयों में प्रधानाध्यापकों एवं शिक्षकों के सहयोग से सुविचारित कार्ययोजना बनाते हुये कार्य विभाजन सुनिश्चित किया जाये। समय-समय पर शिक्षक संकुल के सदस्यों द्वारा निपुण लक्ष्य ऐप के माध्यम से बच्चों का आकलन किया जाये, जिससे कि बच्चों की प्रगति का पता चल सके तथा यथावश्यकतानुसार बच्चों को अतिरिक्त अनुसमर्थन प्रदान किया जा सके।

प्रभावी कक्षा-शिक्षण हेतु पाठ्य बिन्दु/लर्निग आउटकम पर आधारित शिक्षण योजना/शिक्षक डायरी बनायी जाये तथा शिक्षक डायरी का नियमित उपयोग किया जाये। विद्यालय में पुस्तकालय कालांश में एन0सी0ई0आर0टी0 एवं एन0डी0टी0 के माध्यम से उपलब्ध करायी गयी लाइब्रेरी बुक्स पढने के लिये बच्चों को दी जायें। इसके साथ ही बच्चों को सहज पुस्तिका के माध्यम से पढ़ने के लिये प्रेरित भी किया जाये। घर पर सीखने की प्रकिया को नियमित एवं प्रभावी बनाने हेतु अभ्यास कार्य एवं गृह कार्य पर विशेष ध्यान दिया जाये तथा बच्चों एवं अभिभावकों को दीक्षा एवं रीड एलांग ऐप के प्रयोग हेतु अभिप्रेरित किया जाये।


शिक्षक संकुल बैठकों में विशिष्ट मासिक लक्ष्य निर्धारित किये जायें, जैसे-आगामी माह में कितने बच्चों को ग्रेड कॉम्पिटेंट बनाया जाना है, कितनी गतिविधियां संपादित की जायेंगी, कितने बच्चों का रिमिडियल, गृहकार्य एवं अभ्यास कार्य हेतु विशेष फोकस करते हुये अभिभावकों से सम्पर्क स्थापित करना है। समुदाय एवं ग्राम पंचायत का सहयोग प्राप्त करने के लिये पी०टी०एम० एवं एस०एम०सी० की बैठक आयोजित की जाये तथा अपेक्षित सहयोग हेतु सराहना एवं आभार प्रकट किया जाय। दीक्षा के प्रयोग के लिये वॉलंटियर्स का समूह बनाया जाये।

लर्निग ऐट होम को बढ़ावा देने के लिये स्मार्ट फोन के माध्यम से रीड एलांग एवं दीक्षा ऐप के उपयोग हेतु अभिभावकों को अभिप्रेरित किया जाये। कक्षा-शिक्षण हेतु निर्मित किये गये वीडियोज का अधिकतम प्रचार-प्रसार किया जाये। उपलब्ध कराये गये वीडियोज के माध्यम से कक्षा-शिक्षण पद्धतियों को रोचक एवं प्रभावी बनाया जाये। विद्यालयों में स्मार्ट क्लास की स्थापना के लिये सामुदायिक सहभागिता सुनिश्चित कराने के लिये विशेष प्रयास किये जायें।