कागजी हैं मुख्यमंत्री योगी के दावे, जमीनी सच से कोई लेना देना नहीं है।यूपी में सिर्फ कांग्रेस कर रही है भर्ती की बात।भाजपा को सबक सिखायेगी यूपी की जनता।
योगी सरकार पर निशाना साधते हुए उत्तर प्रदेश इलेक्शन कैंपेन कमेटी के चेयरमैन पी0एल0 पुनिया ने कहा कि जनता के हितों की बात करने के बजाय मुख्यमंत्री योगी, दमदार-दुमदार, गर्मी, 90-10 की बातें करते हैं। भाजपा झूठे प्रचार का सहारा लेकर उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव लड़ रही है। विधानसभा चुनाव में कांग्रेस महिलाओं, बेरोजगार नौजवानों, किसानों के हित की बात कर रही है, जबकि अन्य दल विकास के मुद्दे, जनता के मुद्दे, किसान, महिलाओं, बेरोजगार नौजवानों की बात करने के बजाय गर्मी, चर्बी, 80/20 की बात कर रहे हैं। योगीराज की नीतियों से उत्तर प्रदेश की जनता त्रस्त है और अब वह भाजपा सरकार को सबक सिखाएगी।
उन्होंने कहा कि पांच साल पहले भाजपा कहती थी कि सरकार बनते ही आलू-प्याज और लहसुन की खरीद भी एमएसपी पर होगी। लेकिन यह वादा हवा-हवाई ही रहा। मुख्यमंत्री का दावा था कि बेरोजगारी दर करेंगे, लेकिन सच यह है कि योगी सरकार के सत्ता में आने के बाद उत्तर प्रदेश में बेरोजगारों की संख्या बढ़ी है। सरकारी भर्तियों को लटकाया जा रहा है, परीक्षाएं रद्द हो रही हैं। प्रदेश का युवा इस सरकार की नीतियों से निराश है। योगी आदित्यनाथ दावा करते हैं कि प्रदेश के अंदर 2017 से अब तक कोई भी दंगा नहीं, कोई आतंकी घटना नहीं’। लेकिन नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो के आंकड़े बताते हैं कि साल 2019 के डेटा के मुताबिक यूपी में एक साल में 5,714 दंगों के मामले सामने आए। साल 2018 में यूपी में दंगे के 8,908 मामले जबकि साल 2017 में दंगों के 8,990 मामले सामने आए हैं।
पी0एल0 पुनिया कहा कि ग्रामीण विकास का योगी सरकार दावा तो करती है, लेकिन उसके दावे महज किताबी हैं, धरातल से उसका कोई लेना देना नहीं है। सामुदायिक शौचालय के नाम पर भी सरकार झूठ बोल रही है, आधे-अधूरे कामों के साथ योगी आदित्यनाथ अपनी पीठ थपथपाते हैं, जबकि धरातल पर कुछ काम नहीं हुआ है, जनता इनकी नीतियों से त्रस्त है। महिलाओं को उज्ज्वला के कनेक्शन देने के नाम पर आंकड़ेबाजी की गई है। महंगाई की मार से त्रस्त लोगों के पास सिलिंडर भरवाने तक के पैसे नहीं हैं। उत्तर प्रदेश के स्कूल, अस्पतालों का बुरा हाल है, लेकिन सरकार झूठे दावों के साथ अपनी वाहवाही कर रही है।उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य सेवाओं के मामले में उत्तर प्रदेश का प्रदर्शन निराशाजनक है। महिलाओं के साथ होने वाली हिंसा, दलित उत्पीड़न, मानवाधिकार हनन, हत्या के मामलों में नंबर-1 स्थान प्राप्त करने वाला उत्तर प्रदेश स्वास्थ्य और चिकित्सा सेवाओं के मोर्चे पर फिसड्डी साबित हुआ है। नीति आयोग के हेल्थ इंडेक्स में उत्तर प्रदेश ने नीचे टॉप किया है। उत्तर प्रदेश के सरकारी अस्पतालों में डॉक्टरों की भारी कमी है, दवाइयां तक उपलब्ध नही हैं, वहीं ढांचागत सुविधाओं के मामले में अस्पताल गर्त में पहुंच चुके हैं। अस्पतालों को अपग्रेड कर मेडिकल कॉलेज का आंकड़ा तो बढ़ाया गया लेकिन सुविधाओं को बढ़ाने पर ध्यान नहीं दिया। झूठे आंकड़ों ने उत्तर प्रदेश की जनता के साथ धोखा किया है, लेकिन इस चुनाव में कांग्रेस पार्टी युवा, महिला, किसान के लिए एक विस्तृत रोडमैप के साथ उतरी है। अब वक्त आ गया है, जनता कांग्रेस के साथ है, जनता अब भाजपा सरकार को उत्तर प्रदेश से जड़ से उखाड़ फेंकेगी।