चाचा भतीजे का मिलन, 36 हुआ 63

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चाचा भतीजे मिलन की खूबसूरत तस्वीर हो रही वायरल उत्तर प्रदेश में सियासी चर्चा जोरों पर,अभी तक विपक्ष 36 का आंकड़ा मानकर सपा सुप्रीमो को हल्के में ले रही थी अब वही 36 का आंकड़ा 63 हो गया है विपक्ष इस मिलन से दहशत में है।

उत्तर प्रदेश में आगामी विधानसभा चुनाव आचार संहिता जनवरी माह में आने की संभावना है। इसी के मद्देनजर अखिलेश यादव उत्तर प्रदेश के लगभग सभी छोटे दलों से समझौता कर रहे हैं।आज उसी के तहत उन्होंने अपने चाचा शिवपाल यादव के घर भी पहुंच चुके हैं।आगामी विधानसभा चुनाव में किस प्रकार से सरकार बनानी है।अखिलेश यादव का ऐसा एहसास हो गया है कि सत्ता की चाबी चाचा के पास ही है इसलिए वह चाभी लेने चाचा के घर पहुंचे हैं।आगामी विधानसभा चुनाव 2022 के लिए अब साइकिल की रफ्तार होगी तेज। अखिलेश यादव की रैली में उमड़ रही भीड़ को देखकर विपक्ष की हवा वैसे ही खराब हो चुकी थी इसी क्रम में क्या चाभी के साथ आने से अब सारे स्पीड ब्रेकर को तोड़ते हुए अखिलेश यादव अपने विजय रथ पर सवार होकर 2022 विधानसभा चुनाव में प्रवेश करेंगे ।

सपा और प्रसपा के बीच गठबंधन हो गया है। सपा के मुखिया अखिलेश यादव ने अपने चाचा शिवपाल यादव से मुलाकात के बाद यह जानकारी दी है. अखिलेश चाचा से मिलने उनके घर पहुंचे थे।अखिलेश ने ट्विटर पर लिखा, प्रसपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जी से मुलाक़ात हुई और गठबंधन की बात तय हुई. क्षेत्रीय दलों को साथ लेने की नीति सपा को निरंतर मजबूत कर रही है और सपा और अन्य सहयोगियों को ऐतिहासिक जीत की ओर ले जा रही है।

शिवपाल अभी समाजवादी पार्टी के ही विधायक हैं, उनकी पार्टी ने 2019 का लोकसभा चुनाव लड़ा था।लेकिन हर जगह हार गई थी. इस हार में उन्हें अपना भविष्य नजर आने लगा था।उन्होंने 12 अक्टूबर से सामाजिक परिवर्तन रथयात्रा शुरू की, इसका मकसद सत्ता परिवर्तन बताया गया था।इस दौरान सत्ता परिवर्तन का तो पता नहीं शिवपाल सिंह यादव का हृदय परिवर्तन जरूर हो गया, उन्होंने पहले सपा से गठबंधन की पेशकश की, फिर सपा में अपनी पार्टी के विलय की बात शुरू कर दी। चाचा और भतीजे यूपी चुनाव से पहले साथ आ गए हैं।

शिवपाल यादव पार्टी के विलय के लिए तैयार हैं बीते दिनों से ही ऐसी अटकलें सामने आ रही थीं कि शिवपाल सिंह यादव और अखिलेश यादव एक बार फिर साथ आ सकते हैं। अखिलेश ने कहा था कि शिवपाल यादव उनके चाचा है और समाजवादी पार्टी उनका सम्मान करेगी। शिवपाल यादव ने हाल में कई बयानों में यह कहा था कि वह समाजवादी पार्टी में अपनी पार्टी के विलय के लिए भी तैयार हैं और एसपी संरक्षक मुलायम सिंह यादव की भी यही इच्छा है।शिवपाल सिंह यादव पूर्व में अखिलेश यादव की सरकार के सबसे कद्दावर मंत्री के रूप में काम करते रहे हैं। मुलायम सिंह की सरकार के वक्त से ही उन्हें समाजवादी पार्टी का एक कद्दावर चेहरा माना जाता है।

उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव से पहले समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने अब फिर से अपने कुनबे को समेटने की कोशिश तेज कर दी है। अखिलेश यादव आज अपने चाचा शिवपाल सिंह यादव से मिलने उनके घर पहुंचे हैं। यह मुलाकात सपा के किसी बड़े राजनीतिक फैसले की शुरुआत हो सकती है।

अखिलेश यादव और शिवपाल की यह मुलाकात एक लंबे वक्त के बाद हुई है। शिवपाल यादव का आवास लखनऊ के गौतमपल्ली इलाके में है और अखिलेश एसपी के कुछ नेताओं के साथ उनके घर गए हैं। शिवपाल के घर अखिलेश यादव के आने की सुगबुगाहट तेज होने के साथ यहां पर एसपी नेताओं की आवाजाही तेज हो गई है। शिवपाल के घर के बाहर बड़ी संख्या में एसपी के कार्यकर्ता जुट रहे हैं।