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तुम्हे नग्नता देखने,समर्थन करने और पदम श्री अवार्ड देने में शर्म नही तो मुझे नग्नता परोसने में परहेज क्यों हो….? रनौत को मीडिया में देश के सबसे अच्छे कपड़े पहनने वाली हस्तियों में से एक के रूप में जाना जाता है,और प्रेस में मुखर होने के लिए जाना जाता है। अपने व्यक्तिगत और व्यावसायिक संबंधों की लगातार रिपोर्टों के साथ,उसने जो राय दी है, उसने अक्सर विवादों को जन्म दिया है।
पद्मशी सम्मान उन्हें दिया जाता है जिन्होंने देश के सबसे अच्छे नागरिक होने का परिचय दिया हो! पद्मश्री देश के सर्वोच्च नागरिक का सम्मान है। पद्म श्री या पद्मश्री, भारत सरकार द्वारा आम तौर पर सिर्फ भारतीय नागरिकों को दिया जाने वाला सम्मान है जो जीवन के विभिन्न क्षेत्रों जैसे कि, कला, शिक्षा, उद्योग, साहित्य, विज्ञान, खेल, चिकित्सा, समाज सेवा और सार्वजनिक जीवन आदि में उनके विशिष्ट योगदान को मान्यता प्रदान करने के लिए दिया जाता है।
पर इस मानसिक विक्षिप्त नशेड़ी महिला को सम्मान कैसे दे दिया गया बड़ा सवाल है ?चुनाव समिति में कौन होता है इसे हमे बताने की आवश्यकता नही है आप समझ सकते हैं उसी का नतीजा ये है कि देश के वीरों के शौर्य शहादत के बलिदान पर प्रश्नचिन्ह लगाने वाली सहादत पर अपनो को गंवाने वालों से लेकर गर्व करने वाली फैमिली तक आज दुःखी है । सत्ता व्यवस्था के आगे नग्नता कर उच्च सम्मान पाने वाली फिल्मी…..ने सिर्फ़ आज़ादी में लहू बहाने वालों का ही अपमान नही किया है बल्कि उनके परिजनों को आहत किया है। एक बेहद बेशर्म महिला को राष्ट्रपति द्वारा सम्मानित करना देश के महामहिम पद का ही अपमान नही बल्कि उस सम्मान का अपमान है राष्ट्र का अपमान है ।
जाहिलता के परिचायक सत्ता के गुलाम अपने निजी लाभ के लिए ऐसी वैश्याओं को अपने निजी लाभ के लिए स्तेमाल करते हैं और समय समय पर जहर बोने में मदद लेते हैं। यही कारण है कि घटिया बयान देने के बाद भी सत्ता व्यवस्था द्वारा अभी तक किसी की प्रतिक्रिया नही आई – जब कि इस नशेड़ी का सम्मान तक वापस ले लिया जाना चाहिए था।मेरे खोपड़ी में बस एक ही सवाल है क्या इनकी नग्नता ही इनकी काबिलियत है क्या ?
विक्रम गोखले ने कंगना रनौत के समर्थन में कहा, ‘‘मैं रनौत के बयान से सहमत हूं। हमें आजादी दी गई थी। (ब्रिटिश राज में) जब स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों को फांसी दी जा रही थी तब तब बहुत से लोग मूकदर्शक मात्र थे, इन मूकदर्शकों में बहुत से वरिष्ठ नेता थे। उन्होंने उन स्वतंत्रता सेनानियों को नहीं बचाया जो अंग्रेजों के खिलाफ लड़ रहे थे।
फिल्म अभिनेत्री कंगना रनौत इन दिनों सुर्खियों में हैं। पद्मश्री सम्मान मिलने के बाद उनके आजादी वाले बयान को लेकर अब राष्ट्रीय जनता दल ने एक पोस्टर के जरिए हमला बोला है। युवा राजद की तरफ से लगाए गए इस पोस्टर में पूछा गया है कि ‘जो शहीदों का अपमान कर रही है उसे पद्मश्री सम्मान कैसे मिला। फिल्म अभिनेत्री कंगना रनौत की आजादी वाले बयान का जिक्र किया गया है। वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को कंगना रनौत के बयान पर कहते हुए दिखाया गया है कि ‘तुम अपने बयान से हर बार मेरे दिल को जीत लेती हो ऐसा हुनर कहां से सीख लेती हो। ‘ इसके अलावा उत्साह को राष्ट्रपति से पूछते हुए दिखाया गया है कि ‘अगला पुरस्कार कौन सा दीजिएगा।’
कंगना रनौत ने एक टीवी चैनल पर इंटरव्यूह के दौरान उन्होंने भारत के स्वतंत्रता संग्राम के बारे में सावरकर, लक्ष्मीबाई और नेताजी बोस को याद करते हुए कहा, ‘ये लोग जानते थे कि खून बहेगा, लेकिन यह हिंदुस्तानी खून नहीं होना चाहिए। वे इसे जानते थे,बेशक, उन्हें एक पुरस्कार दिया जाना चाहिए। वह आजादी नहीं थी, वो भिक्षा थी। हमें 2014 में असली आजादी मिली है, उनके इस बयान को लेकर कंगना रनौत को सोशल मीडिया पर जमकर टोल किया जा रहा है। यह सही है कि व्यक्ति पहले बड़ा काम करता है और बाद में राष्ट्र और समाज उसे पुरस्कृत करता है। लेकिन पुरस्कार प्राप्त करने के तरीके या उसे इनकार करने के तरीके से व्यक्ति का कद घटता-बढ़ता है। तमाम तिकड़म करके पुरस्कार पा लेने वालों को भी समाज पहचानता है और सम्मान झटक लेने के बावजूद उन्हें वास्तविक सम्मान देने से कतराता है। जबकि बिना किसी वजह के समाज या राष्ट्र की तरफ से किए जा रहे सम्मान का अपमान करने वालों को भी आदर के साथ नहीं देखा जाता।
महारानी लक्ष्मीबाई,तांत्या टोपे,शहीद भगत सिंह,चंद्रशेखर आज़ाद,राजगुरु,सुखदेव,अशफाकउल्ला, और रामप्रसाद बिस्मिल जैसे सैकड़ो भारत माता के वीर सपूतों के बलिदान से मिली आजादी को कंगना भीख में मिली बता रही हैं। यह स्वतंत्रता सेनानियों व शहीदों का अपमान है। कांग्रेस कंगना के खिलाफ देशद्रोह का मुकदमा दर्ज करने व उनसे पद्मश्री सम्मान वापस लेने की मांग करती है।अभिनेत्री कंगना रनौत के आजादी भीख में मिलने वाले बयान पर सियासी भूचाल आ गया है। शनिवार को कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने सड़क पर उतरकर कंगना के खिलाफ प्रदर्शन किया। अदाकारा के इस बयान को देशद्रोह की श्रेणी में रखते हुए उनके विरुद्ध देशद्रोह व अन्य दंडात्मक धाराओं में मुकदमा दर्ज करने व पद्मश्री अवार्ड वापस लेने की केंद्र सरकार से मांग की।क्या अब देश की संस्कृति का भी अपमान होगा आज हम जहां अपने पहनाओ या वेशभूषा को लेकर देश में गर्व करते थे उसी देश में अप्पू हड़ता को भी पदम श्री सम्मान से सम्मानित किया जाने लगा है आखिर हम किस प्रकार की शिक्षा आने वाले कल को देने जा रहे हैं ।
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