
राजेन्द्र चौधरी
भाजपा सरकार जब से सत्ता में आई है, किसानों की मुसीबतें कम होने का नाम नहीं ले रही है। अखिलेश यादव का कहना है कि किसानों को फसल पर एमएसपी नहीं मिल रही है। बिचौलिए लूट रहे हैं। सरकार ने धान खरीद में धांधली की। बाजरा की फसल की शत-प्रतिशत खरीद के दावे किए जा रहे हैं पर हकीकत में खरीद के नाम पर किसानों के साथ सिर्फ धोखा हो रहा है। किसान भटक रहे है, लुट रहे है। मंडी में दाम घट गए हैं क्योंकि ज्यादातर खरीद केन्द्र बंद चल रहे हैं। बाजरा का समर्थन मूल्य राज्य सरकार ने 2775 रूपये रखा है लेकिन बाजार में किसान 1800-2000 रूपये में ही अपना उत्पाद बेचने को मजबूर है। सरकार मोटा अनाज (पोषक अनाज) नीति का बड़ा प्रचार कर रही है, किसानों के नाम पर बड़े-बड़े विज्ञापन छापे जा रहे है लेकिन हालत यह है कि बाजरा का रकबा बढ़ा है, पैदावार भी बढ़ी है लेकिन खरीद केन्द्रों में बाजरा की खरीद नहीं हो रही है। किसानों को पिछले वर्ष भी ऐसे ही ठगा गया था। किसानों को फसल पर एमएसपी कब मिलेगी:अखिलेश
इस वर्ष तो बाजारा किसानों के साथ भाजपा सरकार ने अजीब मजाक किया है। तमाम क्रय केन्द्रों के बंद होने के बावजूद सरकारी तौर पर खरीद के लक्ष्य प्राप्ति की घोषणा कर दी गई है। किसानों को अब वापस किया जा रहा है। हाथरस में क्रय केन्द्रों पर कड़ाके की ठंड में भी किसान रात भर रूके रहे। अगले दिन उन्हें आने को कहा गया तो क्रय केन्द्र बंद कर दिए गए। एक किसान सात दिन तक लाइन में लगा रहा, उसके बाजरा की तौल नहीं हुई। शीत लहर और कोहरे में ठिठुरते हुए किसानों के उत्पाद की जानबूझकर तौल नही की गई। किसानों का कहना है कि रात को टैªक्टर ट्रालियां दिखती है। सुबह बड़े-बड़े ट्राले आ जाते है जिनकी तौल पहले हो जाती है। सच तो यह है कि किसानों के साथ भाजपा सरकार ने कभी अपना वादा निभाया ही नहीं। उसके अपने संकल्प पत्र (घोषणापत्र) में ही जो वादे किसानों से किए गए थे, उन्हें ही आज तक पूरा नहीं किया गया। भाजपा ने वादाखिलाफी का रिकॉर्ड बना लिया है। अब इस सरकार से किसान निजात पाने को बेचैन है। किसानों को फसल पर एमएसपी कब मिलेगी:अखिलेश























