देशभक्ति के स्वर से गूंज रहा उत्तर प्रदेश

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देशभक्ति के स्वर से गूंज रहा उत्तर प्रदेश
देशभक्ति के स्वर से गूंज रहा उत्तर प्रदेश

देशभक्ति के स्वर से गूंज रहा उत्तर प्रदेश, ‘वंदे मातरम्’ के 150 वर्ष पर कीर्तिमान बनाने को आतुर है बेसिक शिक्षा। बेसिक शिक्षा मंत्री संदीप सिंह के नेतृत्व में वर्षपर्यंत कार्यक्रमों की चलती रहेगी श्रृंखला। प्रदेश के सभी 75 जिलों के परिषदीय विद्यालयों के विद्यार्थी कर रहे प्रतिभाग। लगभग 1.33 लाख परिषदीय विद्यालयों के सभी विद्यार्थियों को इसमें शामिल करने का है लक्ष्य। अब तक 90 लाख 87 हजार से अधिक विद्यार्थी कर चुके हैं प्रतिभाग। ‘वंदे मातरम्’ के माध्यम से हम बच्चों में राष्ट्रप्रेम की चेतना को स्थायी बनाना चाहते हैं। ——संदीप सिंह

लखनऊ। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आह्वान पर राष्ट्रगीत ‘वंदे मातरम्’ के 150 वर्ष पूर्ण होने के अवसर पर उत्तर प्रदेश ने देशभक्ति की नई मिसाल पेश कर रहा है। बेसिक शिक्षा मंत्री संदीप सिंह के नेतृत्व और मार्गदर्शन में प्रदेशभर के विद्यालयों में इस ऐतिहासिक आयोजन के अंतर्गत राष्ट्रगीत का सामूहिक गान किया जा रहा है। प्रदेश के सभी 75 जिलों के लगभग 1.32 लाख परिषदीय विद्यालयों के 1.48 करोड़ विद्यार्थियों में से 90 लाख 87 हजार से अधिक ने इसमें प्रतिभाग कर लिया है।

बेसिक शिक्षा विभाग द्वारा आरंभ किया गया यह अभियान वर्षभर संचालित किया जाता रहेगा, जिसके अंतर्गत राज्य के विद्यालयों में विविध सांस्कृतिक और शैक्षिक गतिविधियाँ आयोजित की जाएंगी। इस आयोजन में वर्ष के अंत तक सभी नामांकित विद्यार्थियों को शामिल करने का विभाग ने लक्ष्य रखा है।

बता दें कि इसकी शुरुआत 7 नवम्बर को उस समय हुई, जब प्रधानमंत्री मोदी ने राष्ट्रगीत के 150 वर्ष पूरे होने पर देशव्यापी कार्यक्रम का शुभारंभ किया। उसी क्रम में उत्तर प्रदेश के सभी 75 जिलों के लगभग 1.33 लाख विद्यालयों में एक साथ ‘वंदे मातरम्’ का गान अभियान की शुरुआत की गयी है। जिसके क्रम में विद्यालयों के प्रांगण आज भी “सुजलां सुफलाम्…” के स्वर से गूंजते रहे।


यह आयोजन केवल गीत का गायन नहीं, बल्कि उस भावना का पुनर्जागरण है जिसने भारत के स्वतंत्रता संग्राम को ऊर्जा दी थी। ‘वंदे मातरम्’ के माध्यम से हम बच्चों में राष्ट्रप्रेम की चेतना को स्थायी बनाना चाहते हैं। ‘वंदे मातरम्’ के इस अमृत पर्व को उत्तर प्रदेश ने केवल गीत के रूप में नहीं, बल्कि राष्ट्रीय एकता के जनांदोलन के रूप में परिवर्तित कर दिया है। यह एक ऐसा आयोजन बनकर उभरा है, जो बच्चों के हृदय में देशभक्ति के स्वर को जीवित रखेगा।

नौनिहालों के मन में गहरी हो रहीं हैं देशभक्ति की जड़ें। वन्देमातरम् गीत गायन के आयोजन से विद्यार्थियों के मन मस्तिष्क में न केवल राष्ट्र के प्रति श्रद्धा बल्कि देशभक्ति की जड़ें और गहरी हो रहीं हैं। इसके पीछे अध्यापकों की मेहनत भी देखी जा रही है। वे इस अवसर पर राष्ट्रगीत के इतिहास और इसके रचनाकार बंकिमचंद्र चट्टोपाध्याय के योगदान पर विद्यार्थियों को जानकारी दे रहे हैं। ——–संदीप सिंह, बेसिक शिक्षा मंत्री, उत्तर प्रदेश

वर्ष पर्यंत चले वाला सांस्कृतिक उत्सव है ‘वन्देमातरम्’ गायन


बेसिक शिक्षा विभाग द्वारा आयोजित यह कार्यक्रम केवल एक दिवस की औपचारिकता नहीं, बल्कि वर्षपर्यंत चलने वाला सांस्कृतिक उत्सव बन गया है। आगामी महीनों में विद्यालयों में निबंध, चित्रकला, देशभक्ति गीत, वाद-विवाद, नाटक, लोककला प्रदर्शन और रचनात्मक प्रतियोगिताओं की श्रृंखला आयोजित की जाती रहेंगी, जिनका केंद्रबिंदु ‘वंदे मातरम् और राष्ट्रप्रेम’ ही रहेगा।


प्रदेश के हर विद्यालय में बच्चों के स्वर से जो देशभक्ति गूंज रही है, वह हमारे शैक्षिक तंत्र की आत्मा को दर्शाती है। यह पहल विद्यार्थियों में आत्मगौरव, अनुशासन और एकता की भावना को गहराई से स्थापित करेगी। ——मोनिका रानी, महानिदेशक स्कूल शिक्षा देशभक्ति के स्वर से गूंज रहा उत्तर प्रदेश