अन्नदाता किसान खुशहाल और समृद्ध होंगे-मुख्यमंत्री

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अन्नदाता किसान खुशहाल और समृद्ध होंगे-मुख्यमंत्री
अन्नदाता किसान खुशहाल और समृद्ध होंगे-मुख्यमंत्री

मुख्यमंत्री ने गन्ना किसानों से संवाद किया। मुख्यमंत्री ने प्रदेशवासियों को गोपाष्टमी पर्व तथा गन्ना किसानों को पेराई सत्र 2025-26 के लिए गन्ना मूल्य में ऐतिहासिक 30 रु0 प्रति कुन्तल की वृद्धि पर बधाई व शुभकामनाएं दीं। अन्नदाता किसान खुशहाल और समृद्ध होंगे, तो देश विकास के पथ पर निरन्तर अग्रसर रहेगा। विगत 11 वर्षों में प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व में भारत के अन्नदाता किसान खुशहाली की एक नई राह पर चल पड़े। प्रदेश सरकार द्वारा विगत साढ़े 08 वर्षों में गन्ना मूल्य में 85 रु0 प्रति कुंतल की वृद्धि की गयी, जिसका सीधा लाभ किसान भाइयों को प्राप्त हो रहा। राज्य सरकार का लक्ष्य प्रत्येक स्थिति में अन्नदाता किसानों को उनकी उपज का अच्छा दाम देना। प्रदेश में विगत 08 वर्षों में 23 लाख हे0 अतिरिक्त भूमि को सिंचाई की सुविधा, 16 लाख निजी नलकूपों के विद्युत बिल माफ। प्रदेश में कोजेन प्लाण्ट, डिस्टलरी, एथेनॉल प्लांट स्थापित हुए, चीनी मिलें एक शुगर कॉम्प्लेक्स के रूप में कार्य कर रही। उ0प्र0 को खाद्यान्न, इथेनॉल, चीनी तथा गन्ना उत्पादन में नंबर एक पर पहुंचाने वाले अन्नदाता किसानों के सम्मान का कार्यक्रम प्रदेश भर में किया जाना चाहिए। प्रदेश सरकार द्वारा 2017 से लेकर अभी तक 02 लाख 92 हजार करोड़ रु0 से अधिक का गन्ना मूल्य का भुगतान किया गया। प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजनान्तर्गत अन्नदाता किसानों को 06 हजार वार्षिक धनराशि दी जाती, देश के 12 करोड़ किसान इससे लाभान्वित। प्रदेश में टेक्नोलॉजी का उपयोग कर गन्ना किसानों को ऑनलाइन पर्ची देने की व्यवस्था की गयी, इससे घटतौली, माफियागिरी बंद हो गई। अन्नदाता किसान खुशहाल और समृद्ध होंगे-मुख्यमंत्री


लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की प्रेरणा से अन्नदाता किसानों के हित में किये जा रहे कार्यां की श्रृंखला के अन्तर्गत गन्ना किसानों की मांग के अनुरूप गन्ना मूल्य बढ़ाने का निर्णय लिया गया है। इसका प्रत्यक्ष लाभ गन्ना किसानों को प्राप्त होगा। अन्नदाता किसानों की उपेक्षा कर कोई राज्य या देश समृद्ध नहीं हो सकता। अगर देश के अन्नदाता किसान खुशहाल और समृद्ध होंगे, तो देश विकास के पथ पर निरन्तर अग्रसर रहेगा। पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह जी ने कहा था कि देश के विकास का रास्ता गांव के खेत और खलिहानों से होकर जाता है।


मुख्यमंत्री आवास पर गन्ना किसानों से संवाद कार्यक्रम में अपने विचार व्यक्त कर रहे थे। इस अवसर पर उन्होंने प्रदेशवासियों को गोपाष्टमी पर्व तथा गन्ना किसानों को पेराई सत्र 2025-26 के लिए गन्ना मूल्य में ऐतिहासिक 30 रुपये प्रति कुन्तल की वृद्धि पर बधाई व शुभकामनाएं देते हुए कहा कि भारत की समृद्ध कृषि प्रधान व्यवस्था में गोवंश का महत्वपूर्ण योगदान है। अन्नदाता किसान इसके साक्षी हैं। विगत 11 वर्षों में प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व में भारत के अन्नदाता किसान खुशहाली की एक नई राह पर चल पड़े हैं। धरती मां, जो हमारा पेट भरती हैं, उनके उपचार के लिए कोई व्यवस्था नहीं थी। प्रधानमंत्री जी के आगमन के बाद पहली बार पूरे देश में स्वॉयल हेल्थ कार्ड की व्यवस्था प्रारम्भ की गयी। स्वॉयल हेल्थ कार्ड के माध्यम से मृदा का परीक्षण किया जाता है। पूरे देश में अन्नदाता किसानों के लिए प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि, प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना, प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना, वन नेशन वन मण्डी आदि योजनाओं की लम्बी श्रृंखला संचालित है।


अन्नदाता किसानों को अपनी उपज को एक मण्डी से दूसरे मण्डी ले जाने पर टैक्स नहीं लगता है। प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजनान्तर्गत अन्नदाता किसानों को 06 हजार वार्षिक धनराशि दी जाती है। देश के 12 करोड़ किसान इससे लाभान्वित हो रहे हैं। यह धनराशि प्राप्त हो जाने से किसान अपनी रोजमर्रा की जरूरतों के लिए दूसरों पर निर्भर नहीं रहते हैं। वर्ष 2017 में प्रदेश सरकार ने तय किया था कि प्रदेश के लघु एवं सीमान्त किसानों के एक लाख रुपये तक के कर्ज माफ करेंगे, जिसके अन्तर्गत 86 लाख किसानों के कर्जमाफी कार्यक्रम को सफलतापूर्वक लागू किया गया। प्रदेश में विगत 08 वर्षों में 23 लाख हेक्टेयर अतिरिक्त भूमि को सिंचाई की सुविधा प्रदान की गयी। अर्जुन सहायक परियोजना, बाणसागर परियोजना, सरयू नहर राष्ट्रीय परियोजना विगत कई वर्षों से लम्बित पड़ी थी, उन्हें प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना से जोड़ा गया। केन्द्र व राज्य सरकार के नेतृत्व में इन परियोजनाओं को पूर्ण कराकर अन्नदाता किसानों को पानी की सुविधा प्रदान की गयी। प्रदेश सरकार ने 16 लाख निजी नलकूपों के विद्युत बिल को माफ किया।


मुख्यमंत्री ने कहा कि पूर्ववर्ती सरकारों द्वारा किसानों की उपज क्रय करने हेतु सुव्यवस्थित क्रय केन्द्र स्थापित नहीं किये गये थे, जिससे किसानों की उपज का उचित मूल्य नहीं मिल पाता था। किसानों की उपज का मुनाफा बिचौलिये कमाते थे। राज्य सरकार द्वारा प्रदेश में कई क्रय केन्द्र स्थापित किये गये। प्रदेश सरकार ने तय किया कि क्रय केन्द्रों के माध्यम से जिस किसान के नाम पर भूमि होगी, उसी से उपज को क्रय किया जाएगा तथा एम0एस0पी0 का सीधा लाभ अन्नदाता किसानों को प्राप्त होगा। प्रदेश सरकार द्वारा विगत साढ़े 08 वर्षों में गन्ना मूल्य में 85 रुपये प्रति कुंतल की वृद्धि की गयी, जिसका सीधा लाभ किसान भाइयों को प्राप्त हो रहा है। वर्ष 2017 के पूर्व किसानों के लिए गन्ने की खेती घाटे का सौदा हुआ करती थी। वर्ष 2009-10 से लेकर 2016-17 तक गन्ना मूल्य का भुगतान बाकी था। चीनी मिलें बन्दी के कगार पर थीं। प्रदेश में 108 से 110 चीनी मिलें संचालित थीं। जो चीनी मिलें संचालित थीं, उनकी क्षमता की स्थिति बहुत खराब थी। अन्यमनस्क भाव के साथ कोऑपरेटिव फेडरेशन और निजी क्षेत्र की चीनी मिलें चल रही थीं। परिणामस्वरूप गन्ने की खेती का दायरा सिकुड़ता जा रहा था। सबसे अच्छी उर्वरा भूमि तथा जल संसाधन उपलब्ध होने के बावजूद प्रदेश गन्ना उत्पादन में नंबर तीन स्थान पर चला गया, क्योंकि प्रदेश के किसान उपेक्षित, हताश तथा निराश थे।

प्रदेश में नई चीनी मिलें स्थापित होनी चाहिए। वर्ष 2017 में प्रदेश सरकार ने तय किया कि प्रदेश में कोई चीनी मिल बंद नहीं होने देंगे। जो चीनी मिलें बंद हैं, उनको चलाने के कार्यक्रम को आगे बढ़ाया जाएगा। चीनी मिलों का आधुनिकीकरण एवं विस्तारीकरण होना चाहिए। इसके दृष्टिगत प्रदेश की 42 चीनी मिलों ने अपनी क्षमता का विस्तार किया है। चार से अधिक नई चीनी मिलें लगी हैं। प्रदेश में कोजेन प्लाण्ट, डिस्टलरी व एथेनॉल प्लांट स्थापित हुए हैं। चीनी मिलें एक शुगर कॉम्प्लेक्स के रूप में कार्य कर रही है। आज प्रदेश में 122 चीनी मिलों का संचालन किया जा रहा हैं। 105 चीनी मिलें ऐसी हैं, जो एक सप्ताह के अंदर गन्ना मूल्य का भुगतान कर रही है। कोई अन्नदाता किसान अपने गन्ना मूल्य से वंचित नहीं रहेगा। आज प्रदेश में गन्ने का दायरा 20 लाख हेक्टेयर से बढ़कर लगभग 30 लाख हेक्टेयर तक पहुंच चुका है। गन्ना किसानों को कम लागत तथा अधिक मुनाफा कमाने के लिए अच्छी क्वालिटी के सीड और तकनीक का प्रयोग करना चाहिए।


मुख्यमंत्री जी ने कहा कि कुछ प्रगतिशील किसानों ने 2600 कुन्तल प्रति हेक्टेयर गन्ना का उत्पादन किया है। अधिक उत्पादन की प्रतिस्पर्धा प्रदेश के प्रत्येक किसान के बीच होनी चाहिए। अच्छी क्वालिटी के गन्ना उत्पादन हेतु सरकार आपका सहयोग करेगी। प्रदेश सरकार अन्नदाता किसानों को तकनीक से जोड़ेंगी। डिस्टलरी, कोजेन तथा एथेनॉल प्लाण्ट वर्षपर्यन्त चलते हैं। प्रदेश के किसान जितना गन्ना पैदा करेंगे, उतनी चीनी मिलें, डिस्टलरी प्लाण्ट तथा एथेनॉल प्लाण्ट लगेंगे। परिणामस्वरूप प्रदेश में निवेश बढ़ेगा, जिससे लाखों लोगों को रोजगार मिलेगा।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि अन्नदाता किसानों के सम्मान का कार्यक्रम प्रदेश भर में किया जाना चाहिए, जिन्होंने उत्तर प्रदेश को पुनः खाद्यान्न उत्पादन, एथेनॉल उत्पादन, चीनी उत्पादन तथा गन्ना उत्पादन में नंबर एक पर पहुंचाया है। वर्ष 2007 से 2017 के बीच में 01 लाख 37 हजार करोड़ रुपये गन्ना मूल्य का भुगतान हुआ था। उसकी तुलना में प्रदेश सरकार द्वारा 2017 से लेकर अभी तक 02 लाख 92 हजार करोड़ रुपये से अधिक का गन्ना मूल्य का भुगतान किया गया। जिन किसानों को गन्ना मूल्य का भुगतान किन्हीं कारणवश नहीं हुआ है, उन किसानों के खाते में धनराशि उपलब्ध कराने की कार्यवाही की जा रही है।

प्रदेश में टेक्नोलॉजी का उपयोग कर गन्ना किसानों को ऑनलाइन पर्ची देने की व्यवस्था की गयी है। इससे घटतौली, माफियागिरी बंद हो गई। इसी प्रकार खेती-किसानी व अन्य कार्यां को और बेहतर बनाने में टेक्नोलॉजी का उपयोग करना चाहिए। उत्तर प्रदेश में अकेले चीनी मिलों के द्वारा 10 लाख से अधिक लोगों को सीधे-सीधे रोजगार उपलब्ध कराये जा रहे हैं। इसके अलावा प्रदेश सरकार ने खाड़सारी में रियायत व सुविधाएं देते हुए लाइसेंस निःशुल्क दिये। इससे आवश्यकतानुसार चीनी मिल, डिस्टलरीज, एथेनॉल प्लाण्ट, कोजेन प्लाण्ट तथा फाइन सुगर की यूनिटें लगेंगी। जहां गुड़ की आवश्यकता होगी, वहां खाड़सारी उद्योग फलेगा। राज्य सरकार का लक्ष्य है कि प्रत्येक स्थिति में अन्नदाता किसानों को उनकी उपज का अच्छा दाम मिले, उनके चेहरे पर खुशहाली आए।


मुख्यमंत्री ने कहा कि 2.5 करोड़ लोग गन्ना की खेती से जुड़े हुए हैं। उनकी आजीविका का आधार गन्ना है। उन्होंने प्रगतिशील गन्ना किसानों से अनुरोध किया कि वे गन्ने की खेती के साथ-साथ सहफसली की भी पैदावार करें। प्रगतिशील किसान शोध केंद्रों के द्वारा किए जा रहे प्रयासों का उपयोग कर उत्पादन की लागत को कम करते हुए मुनाफा को कई गुना बढ़ा सकते हैं। एक खेत में 500-600 कुन्तल प्रति एकड़ की तुलना में 2600 कुन्तल प्रति एकड़ उत्पादन करने वाला किसान ज्यादा मुनाफा कमाएगा। डबल इंजन सरकार आपके साथ है तथा आपके हितों के संवर्धन तथा संरक्षण करने के लिए प्रतिबद्ध है। इस अवसर पर गन्ना विकास एवं चीनी उद्योग मंत्री श्री लक्ष्मी नारायण चौधरी, उत्तर प्रदेश किसान मोर्चा के अध्यक्ष श्री कामेश्वर सिंह सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे। अन्नदाता किसान खुशहाल और समृद्ध होंगे-मुख्यमंत्री