ग्रामीण ऊर्जा क्रांति की ओर बढ़ता उत्तर प्रदेश

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ग्रामीण ऊर्जा क्रांति की ओर बढ़ता उत्तर प्रदेश
ग्रामीण ऊर्जा क्रांति की ओर बढ़ता उत्तर प्रदेश

विकसित व आत्मनिर्भर भारत बनाने के लिए महिलाओं का सशक्त व सक्षम होना बहुत जरूरी। ग्रामीण ऊर्जा क्रांति की ओर बढ़ता उत्तर प्रदेश। महिला सशक्तिकरण से आत्मनिर्भर भारत का निर्माण। विकेंद्रीकृत नवीकरणीय ऊर्जा से बदलता ग्रामीण परिदृश्य। लखपति दीदी से स्वच्छ ऊर्जा उद्यमिता तक – उत्तर प्रदेश की नई पहचान। ग्रामीण ऊर्जा क्रांति की ओर बढ़ता उत्तर प्रदेश

लखनऊ। विकसित भारत और आत्मनिर्भर भारत के संकल्प तथा “अंत्योदय” की प्रेरणा को आगे बढ़ाते हुए सरकार ग्रामीण क्षेत्र की निर्धन महिलाओं को संगठित, सशक्त और स्वावलंबी बनाकर सामाजिक एवं आर्थिक सशक्तिकरण की दिशा में तेजी से अग्रसर है। इसी कड़ी में होटल ताज, लखनऊ में विकेंद्रीकृत नवीकरणीय ऊर्जा (DRE) अंतर्गत आयोजित देवी (DEWEE) कार्यक्रम को प्रदेश के उप मुख्यमंत्री बतौर मुख्य अतिथि ने संबोधित किया। उन्होंने कहा कि यह कार्यक्रम प्रदेश में नवीकरणीय ऊर्जा का मजबूत इकोसिस्टम तैयार करेगा और 2047 के विजन के अनुरूप महिलाओं की भागीदारी से स्वच्छ ऊर्जा और उद्यमिता का नया अध्याय लिखेगा।सशक्त नारी, स्वच्छ ऊर्जा, समृद्ध गाँव” के विज़न को साकार करने की दिशा में यह आयोजन एक महत्वपूर्ण कदम है। केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि डीआरई संवाद कोई साधारण सम्मेलन नहीं, यह एक आंदोलन है। हम यह सुनिश्चित करना चाहते हैं कि ग्रामीण महिलाएँ केवल ऊर्जा की उपभोक्ता नहीं, बल्कि ऊर्जा की नेतृत्वकर्ता बनें।

उपमुख्यमंत्री ने कहा आत्मनिर्भर भारत व विकसित भारत के लक्ष्य को हासिल करने के लिए महिलाओं का सशक्त व स्वावलंबी होना बहुत जरूरी है और इस दिशा में डबल इंजन सरकार बहुत तेजी से कार्य कर रही है। महिला सशक्तिकरण की दिशा में एवं महिलाओं के शैक्षिक, सामाजिक व आर्थिक उत्थान के लिए उन्हें भरपूर प्रोत्साहन सरकार द्वारा दिया जा रहा है। कहा कि महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए सरकार उनके साथ खड़ी है। उन्होंने ग्राम्य विकास विभाग के जिलों में कार्यरत उपायुक्त स्वतः रोजगार, जिला मिशन प्रबंधक व ग्रामीण आजीविका मिशन से जुड़े सभी अधिकारियों कर्मचारियों को निर्देशित किया कि वह महिलाओं के उत्थान के लिए चलाई जा रही योजनाओं का बेहतर ढंग से क्रियान्वयन सुनिश्चित करें। कहा कि महिलाओं द्वारा फूड प्रोसेसिंग के क्षेत्र में उद्यम लगाने पर बैंकिंग व अनुदान आदि की सुविधाओं का प्राविधान तो किया ही गया है, इन उद्यमो में सोलर प्लांट लगाने पर 90% सब्सिडी दिए जाने का भी प्रविधान है। कहा कि पर्यावरण की अनुकूलता के लिए भी सौर ऊर्जा को बढ़ावा देना बहुत जरूरी है।

उपमुख्यमंत्री ने कहा की प्रदेश में लगभग एक करोड़ महिलाएं स्वयं सहायता समूहों से जुड़ी है, महिलाओं की आमदनी बढ़ने से ग्रामीण परिवारों में सकारात्मक बदलाव आया है। समूहों को और अधिक सक्रिय करने तथा समूहों की संख्या बढ़ाने की आवश्यकता पर उन्होंने जोर दिया। कहा कि प्रदेश की 57 हजार से अधिक ग्राम पंचायतो में समूह की महिलाओं से ही सूर्य सखी तैनात करने की दिशा में कार्य किया जा रहा है। हर विकास खंड में 4 सोलर शाप स्थापित करने का भी लक्ष्य है। समूह के माध्यम से दीदियो की समाज व परिवार में नई पहचान बनी है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री जी द्वारा मातृशक्ति की ताकत को बढ़ाने का लगातार प्रयास किया जा रहा है। नारी शक्ति वन्दन अधिनियम- 2023 से संसद व विधानसभाओ में महिलाओं की 33% भागीदारी सुनिश्चित होगी। उन्होंने प्रधानमंत्री सूक्ष्म उद्योग उन्नयन योजना की चर्चा करते हुए कहा कि इस योजना से ग्रामीण महिलाएं उद्यम लगाकर प्रदत्त सुविधाओं का लाभ उठाएं। उन्होंने कहा कि सभी टी एच आर प्लांट को सौर ऊर्जा से जोड़ने की कार्रवाई सुनिश्चित की जाए।विकसित व आत्मनिर्भर भारत बनाने के लिए सर्वश्रेष्ठ करना है। सौर ऊर्जा के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य करने वाले विभाग के अधिकारियों को पुरस्कार भी दिया जाएगा।

अगले 05 वर्षों के लिए महत्त्वाकांक्षी लक्ष्यों की की चर्चा करते हुये कहा कि 1,00,000 महिला उद्यमी द्वारा DRE आधारित सौर समाधान अपनाने,57,000 सूर्य सखी का चयन व प्रशिक्षण देने,प्रदेश के प्रत्येक विकासखंड में 4 सोलर शॉप के माध्यम से कुल 3304 सोलर शॉप स्थापित करने का लक्ष्य है। “उत्तर प्रदेश राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के माध्यम से दीदियां आज बैंकिंग कॉरेस्पॉन्डेंस सखी, नमो ड्रोन दीदी, विद्युत सखी, टेक-होम राशन, डेयरी एवं उद्यमिता जैसी नई पहचानों के साथ प्रदेश के विकास की नई धुरी बन रही हैं।
उन्होंने कहा कि देवी (DEWEE) कार्यक्रम से प्रदेश की महिलाएं न सिर्फ सौर उत्पादों की स्थापना, मरम्मत और रखरखाव में दक्ष होंगी, बल्कि उद्यमिता के माध्यम से आत्मनिर्भर बनते हुए पर्यावरण संरक्षण और सतत विकास लक्ष्यों को प्राप्त करने में भी महत्वपूर्ण योगदान देंगी। उप मुख्यमंत्री ने कहा कि ग्रामीण दीदियों की भागीदारी से उत्तर प्रदेश न केवल महिला सशक्तिकरण का मॉडल बनेगा, बल्कि प्रधानमंत्री जी के आत्मनिर्भर और विकसित भारत के सपने को साकार करने में भी अग्रणी भूमिका निभाएगा।उप मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर Decentralized Energy for Women’s Economic Empowerment(देवी) के “लोगो” का शुभारम्भ किया।

के. वी. पांडियन, आयुक्त एवं निदेशक उद्योग एवं एमएसएमई, ने कहा कि पारंपरिक ऊर्जा की सीमाएँ हैं, लेकिन अक्षय ऊर्जा भविष्य है। SHG इस परिवर्तन के सबसे मजबूत वाहक हैं। जैव ईंधन से कार्बन क्रेडिट तक — भविष्य सामुदायिक नेतृत्व वाली स्वच्छ ऊर्जा का है।उन्होंने यह भी कहा कि वित्तीय संबंधों को मज़बूत करना और निवेश को सुरक्षित करना DRE को जमीनी स्तर पर फैलाने में मदद करेगा।

दीपा रंजन (आईएएस), मिशन निदेशक, राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन ने अपने स्वागत भाषण में कहा कि यूपी में स्वयं सहायता समूहों का विशाल नेटवर्क है, जो बड़े स्तर पर महिला सशक्तिकरण हेतु DRE आधारित उद्यमों को लागू करने के लिए उपयुक्त आधार प्रदान करता है। कहा कि जागरूकता बढ़ाना, सहयोग को मज़बूत करना और SHG-नेतृत्व वाले उद्यमों में DRE के उपयोग को प्रोत्साहित करना कार्यशाला का उद्देश्य है।

कार्यक्रम मे निदेशक जलवायु एवं रणनीति पीसीआई इंडिया शिशिर कुमार सिंह, डायरेक्टर नेडा इंद्रजीत सिंह, निदेशक/वैज्ञानिक, नवीन एवं नवीनीकरण की ऊर्जा मंत्रालय भारत सरकार जीवन कुमार जेठानी ,सीईओ व सी डी पीसीआई इंडिया इंद्रजीत चौधरी,एचएसबीसी से अलोका मजूमदार,चीफ पार्टनरशिप ऑफिसर जीईएपीपी रेनी कटिंग, गेट्स फाउंडेशन से देवेंद्र खंडैैत, संयुक्त मिशन निदेशक जनमेजय शुक्ला सहित अन्य विशिष्ट लोगों ने अपने विचार साझा किये। कार्यक्रम का सफल संचालन अदील अब्बास द्वारा किया गया। कार्यक्रम में उपस्थित PCI इंडिया, HSBC, ग्लोबल एनर्जी एलायंस फॉर पीपल एंड प्लैनेट (GEAPP), गेट्स फाउंडेशन इंडिया, प्रेरणा ओजस, एमएनआरई (भारत सरकार), यूपीनेडा, MSME, मुख्यमंत्री युवा उद्यमी योजना आदि के प्रतिनिधियों ने मिलकर उत्तर प्रदेश में महिला उद्यमिता और स्वच्छ ऊर्जा तंत्र को सशक्त बनाने के लिए प्रतिबद्धता जताई। ग्रामीण ऊर्जा क्रांति की ओर बढ़ता उत्तर प्रदेश