उत्तर प्रदेश बना निवेशकों की पसंद

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उत्तर प्रदेश बना निवेशकों की पसंद
उत्तर प्रदेश बना निवेशकों की पसंद

खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र में गुजरात, राजस्थान, हरियाणा व उत्तराखण्ड के उद्यमियों द्वारा प्रदेश के जनपद रामपुर में लगभग 300 करोड़ का किया जा रहा है निवेश। खाद्य प्रसंस्करण उद्योगों में 700 करोड़ के प्रस्तावों को मिली मंजूरी, 150 करोड़ मिलेगा अनुदान। राज्य स्तरीय इम्पावर्ड कमेटी की बैठक में 52 प्रस्तावों को मिली हरी झंडी। उत्तर प्रदेश बना निवेशकों की पसंद, 331 खाद्य प्रसंस्करण इकाइयों को मिल चुकी है स्वीकृति। रेडी टू ईट, सोलर पावर, दुग्ध प्रसंस्करण से लेकर फ्रोजेन फूड तक के प्रोजेक्ट्स शामिल। बुन्देलखण्ड से लेकर बरेली-रामपुर तक फल-सब्जी आधारित उद्योगों का विस्तार। स्थानीय किसानों को मिलेगा लाभ, गांव-गांव तक पहुँचेगा औद्योगिक समन्वय। खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र में गुजरात, राजस्थान, हरियाणा व उत्तराखण्ड के उद्यमियों द्वारा प्रदेश के जनपद रामपुर में लगभग 300 करोड़ का किया जा रहा है निवेश। उत्तर प्रदेश बना निवेशकों की पसंद

लखनऊ। खाद्य प्रसंस्करण उद्योग नीति -2023 के तहत प्राप्त परियोजना प्रस्तावो पर समयबद्ध कार्यवाही करने, स्थापित इकाइयों के सब्सिडी आदि के प्रकरणों की समीक्षा करते रहने व प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य उद्योग उन्नयन योजना के क्रियान्वयन पर विशेष रूप से फोकस करने के निर्देश उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण विभाग के अधिकारियों को उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने दिए हैं। उप मुख्यमंत्री ने कहा है कि खाद्य प्रसंस्करण आधारित उद्योगों के माध्यम से उत्तर प्रदेश में अधिक से अधिक पूंजी निवेश कराना है।उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण विभाग द्वारा देश की सर्वोत्तम उ०प्र० खाद्य प्रसंस्करण उद्योग नीति के माध्यम से प्रदेश में अधिक से अधिक पूंजी निवेश आकर्षित करने के लिए विभिन्न योजनायें संचालित है।

उ०प्र० खाद्य प्रसंस्करण उद्योग नीति-2023 अंतर्गत गठित राज्य स्तरीय इम्पावर्ड कमेटी की बैठक कृषि उत्पादन आयुक्त, उ०प्र० शासन श्री दीपक कुमार की अध्यक्षता में बुधवार को सचिवालय में आयोजित हुई। बैठक मे अवगत कराया गया कि गुजरात, राजस्थान, हरियाणा व उत्तराखण्ड के उद्यमियों द्वारा रामपुर में लगभग 300 करोड़ के मटर, गाजर, गोभी, पालक, मशरूम आदि के प्रसंस्करण की इकाई स्थापित की जा रही है। 700 करोड़ के प्रस्ताव एस०एल०ई०सी० से पारित है, जिसमें लगभग 150 करोड़ का अनुदान दिया जायेगाबैठक मे योजनाओं का प्रस्तुतीकरण डा0अरविन्द कुमार सिह सलाहकार खाद्य प्रसंस्कण पालिसी द्वारा किया गया।

बताया गया कि बुलन्दशहर के उद्यमी श्री राहुल अग्रवाल द्वारा अफ्रीका के देश बेनिन से समन्वय कर लगभग 9 करोड़ का कैश्यू नेट (काजू) का प्लान्ट बुलन्दशहर मे लगाया जा रहा है। गोरखपुर / वाराणसी के उद्यमियो द्वारा लगे प्लान्टो पर सोलर संयत्र स्थापित किया जा रहा है, जिसमें 75 किलोवाट पर 50 लाख तक का अनुदान दिया जायेगा।आगरा / मथुरा क्षेत्र से रैफर वैन, जिसमे ठंडा प्रसंस्करण सामान देश के सभी क्षेत्रों में भेजा जाता है।

अपर मुख्य सचिव,उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण, श्री बी एल मीना द्वारा बैठक के प्रारम्भ में समिति के सदस्यों का स्वागत करते हुए अवगत कराया कि विगत 10 बैठकों में 331 प्रस्तावों की स्वीकृति प्रदान की गयी है। समिति को यह भी अवगत कराया गया कि रेडी टू ईट के 62, सोलर पावर के 58, आई०क्यू०एफ० के 31, सिरियल्स, पल्स के 26, कैटिल फीड के 22, फल एवं सब्जी प्रसंस्करण के 21, दुग्ध प्रसंस्करण के 14, रेडी टू सर्व के 12, बेकरी के 11, मसाला प्रसंस्करण के 11, फोर्टिफाइड राइस के 10, मस्टर्ड आयल के 10, राइस ब्रान आयल के 9, मल्टिग्रेन आटा के 8, गुड प्रसंस्करण के 8, मेडिसिनल आयल के 3, चिकोरी प्रसंस्करण, आइस क्रीम कोन, मीट प्रसंस्करण, ट्रान्सपोर्ट सब्सिडी प्रत्येक के 2 तथा हींग एवं शहद प्रसंस्करण के 1-1 प्रोजेक्ट्स कुल 331 प्रस्तावों की स्वीकृति प्रदान की गयी है। यह भी अवगत कराया गया कि रामपुर एवं बरेली जनपद फ्रोजेन फूड प्रासेसिंग में हब के रूप में नीति अंतर्गत उभर कर आया है। जिसमें प्रदेश के निवेशको के साथ-साथ उत्तराखण्ड एवं राजस्थान के उद्यमी द्वारा इन जनपदों ने लीज पर भूमि लेकर फ्रोजेन फूड प्रासेसिंग की यूनिट की स्थापना की जा रही है। प्रत्येक यूनिट को औसतन लगभग 60 हजार कुन्तल फल एवं सब्जियों की आवश्यकता होगी, जो प्रदेश में ही उपलब्ध है। वर्ष 2021-22 के भारत सरकार एवं प्रदेश सरकार के आकड़ों के अनुसार प्रदेश में लगभग 295.84 लाख मी०टन० सब्जियों का उत्पादन होता है जो अब बढ़ कर 360.00 लाख मी०टन० हो गया है।

फ्रोजेन फूड प्रासेसिंग की यूनिट की स्थापना के समय सम्बन्धित निवेशकों को यूनिट स्थापना के समीप के ग्रामों के कृषकों से समन्वय स्थापित कर फल एवं सब्जियों के उत्पादन हेतु प्रेरित करने, अनुबन्ध करने के साथ भारत सरकार की सी०डी०पी० योजना अंतर्गत प्रस्ताव उपलब्ध कराने के सुझाव के क्रम मे निवेशकों द्वारा प्रस्ताव तैयार कराकर उपलब्ध कराया गया, जिसे भारत सरकार को स्वीकृति हेतु प्रेषित कर दिया गया है। बुन्देलखण्ड क्षेत्र वस्तुतः मटर उत्पादन में अग्रणी है, के दृष्टिगत निवेशकों का झुकाव अब इस क्षेत्र की ओर हुआ है तथा जालौन में फल एवं सब्जी प्रसस्करण उद्योग मुख्यतः फ्रोजेन फूड एवं वेजिटेबल के प्रोजेक्ट प्रस्तुत किए जा रहे है।

अग्रेत्तर आज समिति के समक्ष 54 प्रस्ताव परीक्षण एवं निर्णय हेतु प्रस्तुत किये गये। इन 54 प्रस्तावों में से ब्रेड-बेकरी के 2, चिप्स नमकीन के 5, लाली-पाप कैण्डी के 1, कैटिल फीड के 4, फोर्टिफाइड राइस के 1, फ्रोजेन फूड के 20, रेडी टू ईट के 1, फ्रूट जूस के 3, काजू प्रसंस्करण का 1, दुग्ध प्रसंस्करण के 2, मस्टर्ड आयल एक्स्ट्रेक्शन के 1, रिफर वाहन के 3, सोलर पावर के 4, ट्रान्सपोर्ट सब्सिडी का 1 तथा केन्द्रीय विश्वविद्यालय आई०वी०आर०आर०आई०, बरेली तथा बाबा साहब अम्बेडकर विश्वविद्यालय, अमेठी के स्टार्ट-अप से सम्बन्धित 1-1,कुल 52 प्रोजेक्ट्स के स्वीकृति प्रदान की गयी है।

बैठक में थर्ड पार्टी इन्सपेक्शन एजेन्सी द्वारा किए जा रहे सत्यापन कार्य की प्रशंसा करते हुए अध्यक्ष द्वारा और गहनता से ससमय परीक्षण करने की अपेक्षा की गयी। विभाग अंतर्गत पूर्व स्वीकृति के अनुसार प्रोजेक्ट मानिटरिंग यूनिट की स्थापना से सम्बन्धित कार्यवाही तत्काल निष्पादित कर यूनिट के गठन पर बल दिया गया। बैठक मे योजनाओं का प्रस्तुतीकरण डा0अरविन्द कुमार सिह सलाहकार खाद्य प्रसंस्कण पालिसी द्वारा किया गया। उत्तर प्रदेश बना निवेशकों की पसंद