भारत की ग्लोबल मोबिलिटी का उभरता चेहरा

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भारत की ग्लोबल मोबिलिटी का उभरता चेहरा
भारत की ग्लोबल मोबिलिटी का उभरता चेहरा
सुनील कुमार महला
सुनील कुमार महला

भारत की पासपोर्ट इंडेक्स में बड़ी छलांग-विकसित भारत का ग्लोबल मिशन..!अभी तक का सबसे स्ट्रोंग पासपोर्ट कदम।भारत अब 59 देशों में वीजामुक्त यात्रा के साथ..! दुनियाभर में बढ़ी भारतीय नागरिकता की प्रतिष्ठा: पासपोर्ट पावर रैंकिंग में भारत हुआ शीर्ष 100 में फ़िर से। भारत ने बढ़ाया अपने नागरिकों का विश्व भ्रमण-पासपोर्ट रैंकिंग में 8 पायदान की छलांग। हम हैं विकसित भारत-पासपोर्ट पावर से बढ़ी हमारी ग्लोबल पहुँच। भारत की ग्लोबल मोबिलिटी का उभरता चेहरा

हाल ही में 22 जुलाई 2025 को हेनली पासपोर्ट इंडेक्स-2025 जारी किया गया है, और यह हमारे देश के लिए गौरवान्वित करने वाली बात है कि हम इस इंडेक्स में 77 वें स्थान पर पहुंच गए हैं। पाठकों को बताता चलूं कि हेनले पासपोर्ट इंडेक्स दुनिया के सभी पासपोर्टों को उन गंतव्यों की संख्या के आधार पर रैंक करता है, जहाँ उनके धारक बिना पूर्व वीज़ा के प्रवेश कर सकते हैं। बहरहाल,भारत के लिए यह उपलब्धि अपने आप में एक बड़ी उपलब्धि इसलिए है, भारत इस रैंकिंग में आठ पायदान ऊपर चढ़ा है और अच्छी बात यह है कि भारतीय पासपोर्ट धारकों को दो नये गंतव्यों में वीज़ा मुक्त प्रवेश मिला है, और भारतीय अब 59 देशों में बिना वीजा या वीजा ऑन अराइवल (वीओए) के यात्रा कर सकते हैं। कहना ग़लत नहीं होगा कि भारत की पासपोर्ट रैंकिंग में जबरदस्त सुधार हम सभी के लिए फक्र की बात है। बहरहाल, पाठकों को बताता चलूं कि इससे पहले भारतीय 58 देशों में ही ‘वीजा फ्री’ यात्रा कर सकते थे, वहीं अब भारतीय 59 देशों में ‘वीजा फ्री’ यात्रा कर सकेंगे।

वास्तव में, हाल ही में जो पासपोर्ट इंडेक्स जारी किया गया है, इस इंडेक्स के माध्यम से ये देखा जाता है किस देश का पासपोर्ट धारक कितने देशों में ‘फ्री वीजा’ के साथ या ‘वीजा ऑन अराइवल’ की सुविधा के साथ जा सकता है। गौरतलब है कि इसमें मलेशिया, इंडोनेशिया, मालदीव और थाईलैंड जैसे एशिया के विभिन्न पॉपुलर टूरिस्ट देश शामिल हैं। इतना ही नहीं, श्रीलंका, मकाऊ(चीन)और म्यांमार जैसे देश भी वीजा ऑन अराइवल की सुविधा दे रहे हैं‌।इसका फायदा यह हो रहा है कि अब भारतीय इन स्थानों पर आसानी से घूम सकते हैं, यात्रा कर सकते हैं। आसान शब्दों में कहें तो इस सुविधा (वीजा फ्री/वीजा ऑन अराइवल की सुविधा) के कारण अब भारतीय नागरिकों के लिए अंतरराष्ट्रीय यात्राओं के और भी रास्ते खुल गए हैं। यदि हम यहां पर भारतीयों के लिए वीजा फ्री या वीजा ऑन अराइवल देशों की बात करें तो इनमें क्रमशः अंगोला, बारबाडोस, भूटान, बोलिविया, ब्रिटिश वर्जिन आइलैंड्स, बुरुंडी, कंबोडिया, केप वर्डे आइलैंड्स, कोमोरो आइलैंड्स, कुक आइलैंड्स, जिबूती, डोमिनिका, इथियोपिया, फिजी, ग्रेनेडा, गिनी-बिसाऊ, हैती, ईरान, जमैका, जॉर्डन, कजाकिस्तान, केन्या, किरीबाती, लाओस, मेडागास्कर, मार्शल आइलैंड्स, मॉरीशस, माइक्रोनेशिया, मंगोलिया, मॉन्टसेराट, मोज़ाम्बिक, नामीबिया, नेपाल, न्यूई, पलाउ आइलैंड्स, कतर, रवांडा, समोआ, सेनेगल, सेशेल्स, सिएरा लियोन, सोमालिया, सेंट किट्स एंड नेविस, सेंट लूसिया, सेंट विंसेंट एंड द ग्रेनेडाइन्स, तंजानिया, तिमोर-लेस्ते, त्रिनिदाद और टोबैगो, तुवालु, वानुआतु और ज़िम्बाब्वे जैसे देश शामिल हैं।

बहरहाल, दिलचस्प बात ये है अब वीजा-फ्री ट्रैवल की सूची में अब सिर्फ यूरोपीय देश ही टॉप पर नहीं हैं। एशियाई देश भी अब इस लिस्ट में आगे हैं। उल्लेखनीय है कि सिंगापुर इस समय पहले नंबर पर है, जहां के नागरिक 193 देशों में बिना वीजा के जा सकते हैं। दूसरे शब्दों में कहें तो हेनले पासपोर्ट इंडेक्स के अनुसार, सिंगापुर दुनिया भर में 193 गंतव्यों तक वीज़ा-मुक्त पहुँच के साथ पहले स्थान पर है। सिंगापुर को दुनिया भर के 227 में से 193 गंतव्यों तक वीज़ा-मुक्त पहुँच प्राप्त है।हाल ही में जारी इस इंडेक्स से यह पता चला है कि एशियाई देश इस सूची में शीर्ष पर बने हुए हैं, जबकि जापान और दक्षिण कोरिया भी इसी स्थान पर हैं। यहां यह गौरतलब है कि हेनले पासपोर्ट इंडेक्स 199 देशों के पासपोर्ट की 227 गंतव्यों तक वीज़ा-मुक्त पहुँच की तुलना करता है। यह इंडेक्स अंतर्राष्ट्रीय वायु परिवहन संघ (आइएटीए) के विशिष्ट टिमैटिक डेटा के आधार पर तैयार किया गया है। यहां यह भी उल्लेखनीय है कि जापान और साउथ कोरिया, जैसे देशों के पासपोर्ट धारक 190 देशों में, 7 यूरोपीय देशों जैसे कि जर्मनी, फ्रांस और स्पेन के नागरिक 189 देशों में, न्यूजीलैंड, ग्रीस और स्विट्जरलैंड (पांचवें नंबर) के पासपोर्ट धारकों को 188 देशों में वीजा-फ्री ट्रैवल की सुविधा है।

यूके इस लिस्ट में छठे नंबर पर है, जिससे इसके नागरिक 186 देशों में बिना वीजा यात्रा कर सकते हैं। वहीं अमेरिका दसवें नंबर पर पहुंच गया है, जिसके नागरिक 182 देशों में वीजा-फ्री यात्रा कर सकते हैं। मध्य पूर्व का संयुक्त अरब अमीरात वैश्विक पासपोर्ट रैंकिंग में शीर्ष 10 में जगह बनाने वाला एकमात्र देश है, जो अब आठवें स्थान पर है। वहीं, इस लिस्ट में सबसे नीचे(106 वां स्थान ) अफगानिस्तान का नाम है, जिसके नागरिक सिर्फ 26 देशों में बिना वीजा के जा सकते हैं, लेकिन यह पिछले साल की तुलना में दो कम है।सीरिया 105वें स्थान पर है (27 गंतव्यों के साथ), जबकि इराक(31 गंतव्यों के साथ) 104वें स्थान पर है। दुनिया में कमजोर पासपोर्ट की सूची(हाल ही में जारी सूची के अनुसार) में इन दो देशों के अलावा क्रमशः यमन, इराक़, पाकिस्तान, सोमालिया, नेपाल, लीबिया,फ़िलिस्तीनी क्षेत्र, बांग्लादेश, दक्षिणी कोरिया,इरिट्रिया, सूडान और श्रीलंका शामिल हैं। 

अब ब्रिटेन और अमेरिका की रैंकिंग एक-एक पायदान नीचे खिसक गई है,जो आज से 11-12 साल पहले दुनिया के सबसे ताकतवर पासपोर्ट देश माने जाते रहे हैं। अब बात करते हैं कि आखिर ताकतवर पासपोर्ट से आशय क्या है ? तो पाठकों को जानकारी देना चाहूंगा कि ताकतवर पासपोर्ट का मतलब है, वह पासपोर्ट होता है ,जिसकी सहायता से कोई व्यक्ति बिना वीजा के(विदाउट वीजा) दुनिया के कई देशों में यात्रा कर सके। दूसरे शब्दों में कहें तो, यह एक ऐसा पासपोर्ट होता है, जो किसी व्यक्ति को अधिक यात्रा स्वतंत्रता और सुविधाएं प्रदान करता है। दरअसल, ताकतवर पासपोर्ट को आमतौर पर ‘वैश्विक गतिशीलता'(ग्लोबल मोबिलिटी) के संदर्भ में मापा जाता है। इसका मतलब है कि कोई भी व्यक्ति बिना वीजा के कितने देशों में जा सकता है। वास्तव में, जिस देश के पासपोर्ट से कोई व्यक्ति बिना वीजा के जितने ज्यादा देशों में जा सकता है, वह पासपोर्ट उतना ही ताकतवर माना जाता है।अब अमेरिका और ब्रिटेन की पासपोर्ट रैंकिंग में गिरावट दर्ज की गई है तो इसका कारण यहां की सख्त और ‘इमिग्रेशन पॉलिसी’ है।

पाठकों को बताता चलूं कि दरअसल सुरक्षा संबंधी चिंताएं, आर्थिक चुनौतियां और कमजोर देशों के साथ सीमित राजनयिक संबंध आदि, विश्व के देशों में कठोर या सख्त वीजा नीतियों को जन्म दे सकते हैं, जिससे नागरिकों की यात्रा की स्वतंत्रता सीमित हो सकती है। इतना ही नहीं, आर्थिक चुनौतियां, सीमित राजनयिक संबंध और नकारात्मक मीडिया कवरेज भी इन नीतियों में योगदान दे सकते हैं, जिससे नागरिकों के लिए स्वतंत्र रूप से यात्रा करना अधिक कठिन हो जाता है। वास्तव में, राजनीतिक अस्थिरता संघर्ष, गृहयुद्ध और अस्थिर सरकारें भी बहुत हद तक विभिन्न देशों के राजनयिक संबंधों और यात्रा समझौतों में बाधाएं उत्पन्न करतीं हैं, जिनका असर पासपोर्ट की ताकत पर कहीं न कहीं पड़ता है। अंत में यही कहूंगा कि भारत ने हेनले पासपोर्ट इंडेक्स 2025 में अपनी अब तक की सबसे बड़ी छलांग लगाई है, जो हमारे देश की बढ़ती कूटनीतिक ताकत का प्रतीक है। सच तो यह है कि यह हमारे देश के बढ़ते वैश्विक सम्मान के साथ ही साथ साल 2047 तक भारत को विकसित भारत बनाने का एक ग्लोबल मिशन है। भारत की ग्लोबल मोबिलिटी का उभरता चेहरा