
‘माँ मंदाकिनी स्वच्छता कार्यक्रम’ में उत्तर प्रदेश के जल शक्ति मंत्री स्वतंत्र देव सिंह की सहभागिता।राजघाट चित्रकूट में पं. दीनदयाल शोध संस्थान द्वारा आयोजित कार्यक्रम में स्वच्छता एवं संस्कृति का संगम।लोकमाता देवी अहिल्या बाई होल्कर की 300वीं जयंती पर श्रद्धासुमन अर्पित कर उनके योगदान को किया स्मरण। ‘माँ मंदाकिनी स्वच्छता कार्यक्रम’ में मंत्री स्वतंत्र देव सिंह की सहभागिता
चित्रकूट/सतना। आज राजघाट, चित्रकूट स्थित पं. दीनदयाल शोध संस्थान द्वारा आयोजित ‘माँ मंदाकिनी स्वच्छता कार्यक्रम’ में उत्तर प्रदेश सरकार के जल शक्ति मंत्री एवं वरिष्ठ भाजपा नेता श्री स्वतंत्र देव सिंह ने प्रतिभाग किया। कार्यक्रम में उन्होंने लोक जीवन, संस्कृति एवं नदी संरक्षण के समन्वय पर बल देते हुए मां मंदाकिनी को निर्मल व अविरल बनाए रखने के लिए जन-सहभागिता की आवश्यकता को रेखांकित किया। स्वतंत्र देव सिंह ने लोकमाता देवी अहिल्या बाई होल्कर जी की 300वीं जयंती के अवसर पर उनके चित्र पर पुष्प अर्पित कर भावपूर्ण श्रद्धांजलि दी। उन्होंने कहा कि अहिल्या बाई होल्कर भारतीय संस्कृति की महान महिला शासक थीं जिन्होंने जनकल्याण और धर्म के क्षेत्र में अनुकरणीय कार्य किए। उनके कार्य आज भी प्रेरणा का स्रोत हैं।
स्वतंत्रदेव सिंह ने कहा कि पं. दीनदयाल शोध संस्थान द्वारा संचालित ‘माँ मंदाकिनी स्वच्छता कार्यक्रम’ केवल एक नदी सफाई अभियान नहीं, बल्कि यह राष्ट्र निर्माण की दिशा में एक पवित्र यज्ञ है। उन्होंने कहा कि जीवनदायिनी नदियों का संरक्षण प्रत्येक नागरिक का नैतिक दायित्व है और यह कार्यक्रम इस दायित्व को जन-आंदोलन का स्वरूप देने की दिशा में एक प्रभावी कदम है। रामकेश निषाद (मंत्री), श्री अभय महाजन जी, श्री चंद्रिका प्रसाद उपाध्याय (पूर्व मंत्री), श्री अशोक जाटव (जिला पंचायत अध्यक्ष) सहित अनेक जनप्रतिनिधि, समाजसेवी और गणमान्य नागरिक उपस्थित रहे। सभी ने संयुक्त रूप से स्वच्छता संकल्प लिया और मां मंदाकिनी की स्वच्छता को सुनिश्चित करने हेतु आगामी प्रयासों की रूपरेखा पर विचार किया।
स्वतंत्र देव सिंह ने कहा कि जलशक्ति मंत्रालय उत्तर प्रदेश में जल संरक्षण और प्रबंधन के लिए सतत प्रयासरत है। उन्होंने मंदाकिनी जैसी नदियों के किनारे वृक्षारोपण, अवजल संचयन, जल स्रोतों की पुनर्स्थापना और जनजागरूकता अभियान को प्राथमिकता देने की बात कही। “माँ मंदाकिनी केवल एक नदी नहीं, अपितु यह हमारी आध्यात्मिक चेतना की वाहिका है। उसका संरक्षण हमारी संस्कृति की रक्षा है। जब तक नदियां स्वच्छ नहीं होंगी, तब तक समाज और संस्कारों की धारा भी अवरुद्ध रहेगी।” कार्यक्रम में विद्यार्थियों, स्वयंसेवी संगठनों और स्थानीय नागरिकों ने स्वच्छता श्रमदान में भाग लिया। स्वतंत्रदेव सिंह ने पं. दीनदयाल शोध संस्थान की सराहना करते हुए कहा कि यह संस्था पंडित दीनदयाल उपाध्याय के एकात्म मानववाद और स्वदेशी दर्शन को धरातल पर उतारने का अनुपम प्रयास कर रही है। उन्होंने युवाओं से अपील की कि वे जल और पर्यावरण की रक्षा को जीवन का संकल्प बनाएं। कार्यक्रम का समापन सामूहिक स्वच्छता श्रमदान और ‘जल ही जीवन है’ के नारों के साथ हुआ। श्री स्वतंत्र देव सिंह ने सभी उपस्थितजनों का धन्यवाद ज्ञापन करते हुए कार्यक्रम को जन-आंदोलन बनाने का आह्वान किया। ‘माँ मंदाकिनी स्वच्छता कार्यक्रम’ में मंत्री स्वतंत्र देव सिंह की सहभागिता