टीबी,एचआईवी और वायरल हेपेटाइटिस कार्यक्रमों में समन्वय बढ़ाएं-रविंद्र कुमार

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टीबी,एचआईवी और वायरल हेपेटाइटिस कार्यक्रमों में समन्वय बढ़ाएं-रविंद्र कुमार
टीबी,एचआईवी और वायरल हेपेटाइटिस कार्यक्रमों में समन्वय बढ़ाएं-रविंद्र कुमार

टीबी, एचआईवी और वायरल हेपेटाइटिस कार्यक्रमों में समन्वय बढ़ाएं। नाको के सहयोग से आयोजित दो दिवसीय कार्यशाला में यूपीसैक्स के अपर परियोजना निदेशक ने दिए टिप्स। प्रदेश के 36 जिला क्षय रोग अधिकारियों ने लिया हिस्सा, बाकी कल करेंगे प्रतिभाग। टीबी,एचआईवी और वायरल हेपेटाइटिस कार्यक्रमों में समन्वय बढ़ाएं-रविंद्र कुमार

लखनऊ। यूपी राज्य एड्स नियंत्रण सोसायटी (यूपीसैक्स) के अपर परियोजना निदेशक रविंद्र कुमार ने कहाकि टीबी, एचआईवी और वायरल हेपेटाइटिस कार्यक्रमों में समन्वय बहुत जरूरी है। प्रदेश ने 100 दिवसीय सघन टीबी अभियान में पूरे देश में सबसे बेहतरीन प्रदर्शन किया है। इसी तरह अगर हम सब समन्वय बनाकर काम करें तो टीबी के साथ एचआईवी को भी काफी हद तक नियंत्रित किया जा सकता है।

अपर परियोजना निदेशक यूपीसैक्स और राष्ट्रीय एड्स नियंत्रण संगठन (नाको) के संयुक्त तत्वावधान में बुधवार को एक निजी होटल में आयोजित दो दिवसीय कार्यशाला के उद्घाटन सत्र में बतौर मुख्य अतिथि बोल रहे थे। इस कार्यशाला में प्रदेश के सभी जिला क्षय अधिकारी (डीटीओ) प्रतिभाग कर रहे हैं। रविंद्र कुमार ने कहा कि एचआईवी संक्रमित व्यक्तियों में टीबी का जोखिम अधिक होता है, जिससे समय पर इलाज न मिलने पर स्थिति गंभीर हो सकती है। एनएसीपी-5 के तहत नए संक्रमण और एड्स से मृत्यु दर को 80% तक कम करना हमारा लक्ष्य है, जिसे प्रभावी रणनीति और ज़मीनी कार्यान्वयन से हासिल किया जा सकता है।

स्टेट टीबी अधिकारी डॉ. शैलेंद्र भटनागर ने सभी डीटीओ को संबोधित करते हुए कहा कि 100 दिवसीय सघन टीबी अभियान में उत्तर प्रदेश ने बेहतरीन प्रदर्शन किया है। इसके लिए आप सब बधाई के पात्र हैं। प्रदेश को राष्ट्रीय स्तर पर प्रथम पुरस्कार मिलना हम सब की जिम्मेदारी भी बढ़ाता है। अब हमें उन कमियों पर काम करना है जो छूट गई थीं। हमारा लक्ष्य 2025 तक टीबी मुक्त भारत बनाना है और इसे साकार करने के लिए हर स्तर पर प्रभावी प्रयास जरूरी हैं। इसी दिशा में यह प्रशिक्षण कार्यक्रम भी महत्वपूर्ण कदम है।

स्टेट सर्विलांस अफसर एवं संचारी रोग नोडल डॉ. विकासेंदु अग्रवाल ने कहा कि जिलास्तर पर जब भी स्वास्थ्य कैंप आयोजित हों तो वहां आने वाले मरीजों की टीबी, एचआईवी और वायरल हेपेटाइटिस की जांच सुनिश्चित की जाए, ताकि समग्र स्वास्थ्य सेवा प्रदान की जा सके। कार्यशाला के पहले दिन 36 डीटीओ ने भाग लिया। इस कार्यशाला का उद्देश्य एचआईवी और टीबी नियंत्रण कार्यक्रमों के बीच समन्वय को मजबूत करना और जिलास्तर पर एड्स नियंत्रण कार्यक्रमों को प्रभावी ढंग से लागू करना है। इस दौरान अधिकारियों ने यूपीसैक्स और पीएचएफआई टीम के प्रतिनिधियों के साथ अपने अनुभव साझा किए। टीबी,एचआईवी और वायरल हेपेटाइटिस कार्यक्रमों में समन्वय बढ़ाएं-रविंद्र कुमार