जनभागीदारी टीबी उन्मूलन अभियान की आत्मा। केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्य मंत्री अनुप्रिया पटेल ने निःक्षय वाहन रवाना कर किया 100 दिवसीय टीबी अभियान का शुभारंभ। निःक्षय मित्रों व टीबी चैंपियंस को सम्मानित किया और लाभार्थियों को पोषण पोटली वितरित की। जनभागीदारी टीबी उन्मूलन अभियान की आत्मा-अनुप्रिया
ब्यूरो निष्पक्ष दस्तक
लखनऊ। केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्य मंत्री अनुप्रिया पटेल ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के वर्ष 2025 में ट्यूबरक्लोसिस (टीबी) को खत्म करने के संकल्प में यह 100 दिवसीय सघन टीबी अभियान अहम भूमिका अदा करेगा। इस अभियान में जनभागीदारी और स्वास्थ्यकर्मियों की मजबूत दृढ़ संकल्पता की भी बड़ी भूमिका होगी। अनुप्रिया पटेल शनिवार को प्रदेश में इस अभियान के शुभारंभ के मौके पर बतौर मुख्य अतिथि बोल रहीं थीं।
बाराबंकी के राजकीय इंटर कालेज प्रांगण में आयोजित इस कार्य़क्रम में केंद्रीय राज्य मंत्री ने कहा कि यह अभियान प्रदेश के उन 15 जनपदों में चलाया जा रहा है जहाँ टीबी से होने वाली मृत्यु की दर वर्ष 2023 की राष्ट्रीय दर 3.6% के बराबर या अधिक है। साथ ही नए टीबी मरीज़ अधिक और संभावित टीबी रोगियों की पहचान की दर राष्ट्रीय औसत से कम है। ये जिले हैं बाराबंकी, अमेठी, अयोध्या, बस्ती, देवरिया, इटावा, फर्रुखाबाद, हाथरस, पीलीभीत, प्रतापगढ़, रायबरेली, रामपुर, सिद्धार्थनगर, सीतापुर एवं सुलतानपुर।
उन्होंने कहा कि देश को टीबी मुक्त बनाने की जिम्मेदारी सिर्फ स्वास्थ्य विभाग की ही नहीं है, हमारी-आपकी भी सक्रिय भागीदारी होनी चाहिए और जनभागीदारी ही इस अभियान की आत्मा है। अनुप्रिया ने इससे पहले निःक्षय मित्रों व टीबी चैंपियन को सम्मानित किया और कई लाभार्थियों को पोषण पोटली वितरित की। उन्होंने निःक्षय वाहनों को भी हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। इससे पहले दिल्ली से आए स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के संयुक्त सचिव सौरभ जैन ने 100 दिन के सघन अभियान के बारे में विस्तार से चर्चा की।
प्रमुख सचिव, चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण पार्थ सारथी सेन शर्मा ने कहा कि देश में टीबी प्रमुख सार्वजनिक स्वास्थ्य चुनौती है और हम इसे जल्द से जल्द समाप्त करने के लिए दृढ़ संकल्पित हैं। यह अभियान नए टीबी रोगियों को खोजने, टीबी मरीजों की मृत्यु दर को कम करने और स्वस्थ व्यक्तियों में टीबी संक्रमण को रोकने के उद्देश्य से चलाया जा रहा है जिसमें ट्रेसिंग, टेस्टिंग, ट्रीटमेंट तथा अन्तर्विभागीय समन्वय पर जोर रहेगा। अभियान की सफलता हम सभी के प्रयासों पर निर्भर करती है। मैं सभी स्वास्थ्य कर्मियों, समुदाय के सदस्यों और अन्य लोगों से इस अभियान में सक्रिय भागीदारी का आह्वान करता हूँ।
राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन की निदेशक डॉ. पिंकी जोवेल ने धन्यवाद ज्ञापित करते हुए कहा कि अभियान के दौरान टीबी के सक्रिय रोगियों को ढूंढते हुए उनके सम्पर्क में आए रोगियों की जल्द से जल्द पहचान करना है। इसके अलावा उच्च जोखिम वाले रोगियों पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। टीबी से होने वाली हर मौत का डेथ ऑडिट किया जाएगा।
कार्यक्रम में भारत सरकार की अपर आयुक्त सीटीडी डॉ. वीना धवन, महानिदेशक चिकित्सा एवं स्वास्थ्य डॉ. रतन पाल सिंह सुमन, अनुसूचित जाति एवं जनजाति उत्तर प्रदेश के अध्यक्ष बैजनाथ रावत, बाराबंकी जिला पंचायत अध्यक्ष राजरानी रावत, अंगद कुमार सिंह एमएलसी, दिनेश रावत, विधायक हैदरगढ़, राज्य क्षय रोग अधिकारी, पुलिस अधीक्षक, जिलाधिकारी, मुख्य विकास अधिकारी और मुख्य चिकित्साधिकारी मौजूद रहे।
उच्च जोखिम वाले समूह
• 60 साल से अधिक आयु वर्ग के लोग।
• 18.5 किग्रा/मीटर2 से कम बीएमआई वाली कुपोषित जनसँख्या।
• डायबिटीज एवं एचआईवी रोगी, धूम्रपान एवं नशा करने वाले व्यक्ति।
• इलाज प्राप्त कर रहे टीबी रोगियों के साथ रहने वाले तथा इलाज पूरा कर चुके टीबी रोगी।
यूपी में टीबी रोगियों की स्थिति
- जनवरी से 5 दिसंबर 2024 तक लक्ष्य – 6,50,000, कुल चिन्हित रोगी – 6,22,489।
- सरकारी क्षेत्र : लक्ष्य – 4,30,000, कुल चिन्हित रोगी – 3,90,630।
- प्राइवेट क्षेत्र: लक्ष्य – 2,20,000, कुल चिन्हित रोगी – 2,31,859। जनभागीदारी टीबी उन्मूलन अभियान की आत्मा-अनुप्रिया