अयोध्या में पांच अगस्त को मंदिर निर्माण के भूमि पूजन से देश में धर्मनिरपेक्षता का ढांचा और मजबूत होगा। घर घर में जलेंगे दीप।
अयोध्या में तय कार्यक्रम के अनुसार बनने वाले भगवान राम के भव्य मंदिर का भूमि पूजन पांच अगस्त को होगा। इस अवसर पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी खासतौर से उपस्थित रहेंगे। भूमि पूजन के दिन घर घर में दीप जलेंगे। यानि दीपावली जैसा माहौल बनेगा। अयोध्या में ही भगवान राम का जन्म होने के प्रमाण मिले हैं और इसी आधार पर सुप्रीम कोर्ट ने विवादित भूमि मंदिर निर्माण के लिए आरक्षित की है। क्योंकि मंदिर निर्माण का निर्णय देश की सर्वोच्च अदालत ने लिया है, इसलिए अब विवाद की कोई गुंजाइश नहीं है। मंदिर बनने से देश का साम्प्रदायिक माहौल भी अच्छा होगा। क्योंकि इस मुद्दे को लेकर कई बार देश में साम्प्रदायिक तनाव हुआ है। यह अच्छी बात है कि अब देश भर में शांतिपूर्ण माहौल है। एनसीपी के नेता शरद पवार ने भी स्पष्ट कर दिया है कि वे मंदिर निर्माण के विरोध में नहीं है। चैनलों पर उनका जो वीडियो दिखाया जा रहा है वह सही तथ्यों पर आधारित नहीं है। इसी प्रकार कांग्रेस के सांसद हुसैन बलवई ने भी कहा है कि राम में सभी की आस्था है और उन्हें मर्यादा का प्रतीक माना जाता है। बलवई ने कहा कि वे भी मंदिर निर्माण के खिलाफ नहीं है। सनातन संस्कृति को मानने वाले लोगों के लिए भूमि पूजन का कार्यक्रम किसी उत्सव से कम नहीं है। इससे देश की धर्मनिरपेक्षता की नीति को भी मजबूती मिलेगी। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान अपने राजनीतिक स्वार्थ की वजह से भारतीय मुसलमानों के बारे में कुछ भी कहे, लेकिन अब सौहार्द के माहौल में अयोध्या में भगवान राम का भव्य मंदिर बनने जा रहा है। यह हमारे देश की खूबसूरती ही है कि रमजान माह में होने वाली अनेक इफ्तार पार्टियो का आयोजन हिन्दू समुदाय के लोग करते हैं। तब भी सौहार्द का माहौल देखने को मिलता है। देश में ऐसी अनेक सूफी संतों की दरगाह है जहां बड़ी संख्या में हिन्दू समुदाय के लोग जियारत करने पहुंचते हैं। अजमेर स्थित सूफी संत ख्वाजा मोइनुद्दीन हसन चिश्ती की दरगाह में तो लॉकडाउन से पहले बड़ी संख्या में हिन्दू समुदाय के लोग आते रहे। अयोध्या में मंदिर के निर्माण में भी अनेक मुस्लिम संगठनों की भूमिका है। भूमि पूजन के समारोह में भी मुस्लिम समुदाय के अनेक प्रतिनिधि उपस्थित रहेंगे। सनातन संस्कृति को मानने वाले लोगों के कण कण में राम बसे हैं। अयोध्या में मंदिर का विवाद पिछले पांच सौ वर्षों से चला आ रहा था, लेकिन अब विवाद समाप्त हो गया है। अब अयोध्या भी दुनिया के धार्मिक का मुख्य केन्द्र होगा। मंदिर निर्माण की बाधाओं को हटाने में यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की भी महत्वपूर्ण भूमिका रही है। योगी के ही प्रयास है कि मंदिर निर्माण में अनेक मुस्लिम संगठन सहयोग कर रहे हैं। …..एस.पी.मित्तल