कार्य स्थल पर महिला सुरक्षा के लिए तत्पर उत्तर प्रदेश सरकार ,औद्योगिक संगठनों ने इसके लिए सरकार से अपनी प्रतिबद्धता दोहरायी।
लखनऊ, उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा 17 अक्टूबर को शुरू किये गए ‘मिशन शक्ति’ अभियान का एक महत्वपूर्ण लक्ष्य कार्य स्थल पर महिलाओं की सुरक्षा भी था। राज्य सरकार का स्पष्ट मत है कि कार्य स्थल पर महिलाओं की सुरक्षा से देश और प्रदेश का आर्थिक विकास भी होगा क्योंकि सुरक्षा की भावना के साथ उनका योगदान रचनात्मक कार्यों में अधिकाधिक हो सकेगा। इसी भावना के साथ पिछले दस दिनों में इस मिशन के तहत विभिन्न स्थानों पर अनेक जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किये गए।
तमाम औद्योगिक एसोसिएशन, इकाइयां और व्यापार संगठनों ने इसमें बढ़ कर हिस्सा लिया और कार्य स्थल पर महिला सुरक्षा का संदेश मुखर ढंग से दिया। औद्योगिक विकास विभाग की भागीदारी से तमाम व्यापार संगठनों ने इसका समर्थन किया और ट्वीट और अन्य सोशल मीडिया साधनों से इस दिशा में सरकार के प्रयासों की सराहना भी की। इंडियन इंडस्ट्रीज़ एसोसिएशन (आईआईए) ने अपने ट्वीट में कहा ” हम नौ दिन शक्ति की पूजा करते हैं. आईआईए इस अवसर पर सरकार के महिलाओं की सुरक्षा,सशक्तिकरण और स्वस्थ कार्य स्थल माहौल के लिए अभिनव प्रयास ‘मिशन शक्ति’ के साथ है।”
सीआईआई , फिक्की , एसोचैम ,पीएचडी चैम्बर ऑफ़ कॉमर्स , लघु उद्योग भारती, रिटेलर्स एसोसिएशन ऑफ़ इंडिया , नेशनल रेस्टोरेंट एसोसिएशन ऑफ़ इंडिया और अन्य संगठनों ने इसमें ने ‘मिशन शक्ति’ में सक्रिय रूप से भागीदारी की। इसी दौरान बाराबंकी में मंगलवार को महिला कल्याण विभाग और यूनिसेफ ने बी पी अन्तर कॉलेज में एक जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया जिसमें छात्राओं को कन्या सुमंगल योजना, , बेटी बचाओं, बेटी पढ़ाओ , और महिला हेल्पलाइन नंबर 181 ,1098,1090,112और 1076के बारे में जानकारी दी। उन्हें इस दौरान आत्मरक्षा का प्रशिक्षण भी दिया गया। इससे पहले सोमवार को बाराबंकी की छह तहसील और बारह ब्लॉक में महिला हेल्पडेस्क भी शुरू की गयी थीं। हरदोई ज़िले में सभी तहसील में महिला हेल्पडेस्क स्थापित हो चुकी हैं। इसी तरह मैनपुरी ज़िले के सभी 14 थानों में भी हेल्पडेस्क बन चुकी हैं। इसके अलावा बरेली , मिर्ज़ापुर के आश्रम पद्यति विद्यालय और ग़ाज़ियाबाद में भी अनेक कार्यक्रम आयोजित हुए।