राजधानी लखनऊ अनी बुलियन कंपनी ने निवेश के नाम पर करोड़ों हड़पे, तीन गिरफ्तार; दर्ज हैं 25 से अधिक मुकदमे।
लखनऊ, अनी बुलियन के नाम से हजारों लोगों से करोड़ों रुपये की ठगी करने के आरोप में पुलिस ने तीन लोगों को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार आरोपितों में एक सदस्य वाणिज्य कर अधिकरण के पद से सेवानिवृत्त है। पीजीआइ थाने की पुलिस ने इनमें दो आरोपितों पर 25-25 हजार रुपये का इनाम भी घोषित किया था। अनी बुलियन कंपनी व इसके संचालक समेत गिरोह के अन्य आरोपितों पर कई जिलों में दो दर्जन से अधिक मुकदमे दर्ज हैं।
एसीपी कैंट डॉक्टर बीनू सिंह के मुताबिक कुमारगंज अयोध्या निवासी राम गोपाल गुप्ता, विष्णु कुमार गुप्ता तथा चकरपुर सचेंदी कानपुर निवासी प्रदीप सिंह को गिरफ्तार किया गया है।आरोपित प्रदीप व विष्णु गुप्ता पर इनाम घोषित था। विष्णु को पूर्व में डायरेक्टरेट ऑफ रेवेन्यू इंटेलिजेंस ने आठ किलो सोना व दो कुंतल चांदी के साथ गिरफ्तार किया था। वहीं, राम गोपाल गुप्ता सदस्य वाणिज्य कर अधिकरण के पद से सेवानिवृत्त है।
अनी बुलियन के नाम से हजारों लोगों से करोड़ों रुपये की ठगी करने के आरोप में पुलिस ने तीन लोगों को गिरफ्तार किया है। एसीपी कैंट डॉक्टर बीनू सिंह के मुताबिक कुमारगंज अयोध्या निवासी राम गोपाल गुप्ता, विष्णु कुमार गुप्ता तथा चकरपुर सचेंदी कानपुर निवासी प्रदीप सिंह को गिरफ्तार किया गया है।
गिरोह के मास्टरमाइंड अजीत गुप्ता ने कंपनी खोली थी, जिसे पुलिस गिरफ्तार कर जेल भेज चुकी है। कंपनी किसानों, सेवानिवृत्त सैन्यकर्मियों व अन्य कर्मचारियों को झांसे में लेकर निवेश का लालच देती थी। 40 फीसद का वार्षिक लाभ देने का झांसा देकर लोगों से नोटरी हलफनामा बनवाकर कर्ज के तौर पर रुपये लिए जाते थे। इन रुपयों को शेयर मार्केट व सोना चांदी की तस्करी में लगा दिया जाता था।
वर्ष 2010 में अजीत ने अनी बुलियन ट्रेडर्स के नाम से कंपनी बनाई थी और लोगों से ब्याज के रूप में 10 हजार रुपये लेकर उन्हें 108 प्रतिशत तक लाभ देने का झांसा दिया था। इसके बाद नए लोगों के रुपये लेकर पुराने लोगों को बतौर ब्याज के रूप में वापस कर देता था। इससे बड़ी संख्या में लोग आरोपित की कंपनी से जुड़ते गए। आरोपित ने राजधानी के अलावा बाराबंकी, अयोध्या, अमेठी, सुल्तानपुर व प्रतापगढ़ समेत कई जिलों में हजारों लोगों से रुपये लिए थे। इसके बाद दिल्ली, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश व पंजाब समेत अन्य राज्यों में ठगी का जाल फैला दिया।
छानबीन में अब तक 13 कंपनियों के नाम सामने आए हैं जो फर्जीवाड़ा का काम करती थी। एसीपी कैंट ने बताया कि नोटबंदी लागू होने के बाद लोगों ने निवेश किए गए रुपये वापस मांगने शुरू कर दिए थे। इस पर गिरोह ने टालमटोल किया और मोबाइल बंद कर फरार हो गए। इसके बाद अलग-अलग जिलों में अनी बुलियन कम्पनी के खिलाफ मुकदमे दर्ज किए गए। गिरोह के सरगना अजीत गुप्ता की पत्नी निहारिका सिंह विदेश मंत्रालय में तैनात है, जिसकी फ़ोटो दिखाकर आरोपित लोगों को अदब में लेते थे। इस गिरोह ने करीब 600 करोड़ से अधिक रुपये हड़पे हैं।