मध्य प्रदेश के गुना में पुलिस द्वारा 15 तारीख को एक दलित किसान के साथ की गई बर्बरता ने पूरे देश को शर्मिंदा और शर्मसार किया है। गरीब किसान को ज़हर खाने के लिये विवश करने वालों तुम इंसान नहीं शैतान हो।
सरकारी जमीन खाली करवाने गई पुलिस के सामने सालो से वहाँ खेती करते आये और उसके लिए लाखों का कर्जा लिए हुए किसान दंपति ने पुलिसवालों को मिन्नते की की वो उनके खेत मे JCB न चलाये लेकिन पुलिसकर्मियों ने उनकी एक न सुनी और जब पुलिस को रोकने की कोशिश की तो पति पत्नी को बुरी तरह पीटा और महिला के कपड़े तक फट गए लेकिन पुलिस वाले रुके नही, अंत मे हंगामा बढ़ने के कारण कार्य रोका लेकिन इस घटना के चलते बुरी तरह दुखी पति पत्नी ने वही पुलिस के सामने ही ज़हरीला पदार्थ खा कर अपनी जान दे दी।

आज उनके अनाथ बच्चे बिलखते हुए पूछ रहे है क्या कसूर है उनका ? इन पुलिसकर्मियों की लाठियां बस गरीब , मजदूर और किसानों पे ही चलती है बाकी सभी के आगे तो सलाम ठोकते फिरते है। किस बात का घमंड है इतना ? इनको किसी बात का डर क्यो नही है ? क्या अब देश के पुलिस वाले सँविधान से ऊपर है ? जो अपने हाथों में जब चाहे कानून ले सकते है? जिस पक्ष के इशारों पे ये सब हो रहा है जनता अपना दिमाग और आंख अगली बार खुले रखना ताकि जो राजू ओर सविता के साथ हुआ कल को तुम्हारे साथ ना हो। दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा मिलनी ही चाहिए।
























